Agriculture Policy in India in hindi

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Agriculture Policy in India in hindi

भारत में कृषि नीति (Agriculture Policy in India) 

🔹 भूमिका (Introduction)

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ लगभग 58% जनसंख्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। कृषि क्षेत्र GDP का लगभग 18% योगदान देता है और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कृषि नीति (Agriculture Policy) का उद्देश्य कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना, किसानों की आय में वृद्धि करना, खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना, ग्रामीण विकास को गति देना और कृषि को टिकाऊ (Sustainable) बनाना है।

सरकार समय-समय पर हरित क्रांति, राष्ट्रीय कृषि नीति, जैविक खेती, MSP, कृषि ऋण और सिंचाई योजनाओं जैसी विभिन्न पहल लेकर आई है ताकि कृषि क्षेत्र को आधुनिक और लाभदायक बनाया जा सके।

🔹 भारत की कृषि नीति का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य (Historical Perspective of Agriculture Policy in India)

  1. हरित क्रांति (Green Revolution) – 1960 के दशक
  • HYV (High Yielding Variety) बीज, सिंचाई, उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग।
  • भारत खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बना।
  • मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रभावी।
  1. खाद्य सुरक्षा नीति (Food Security Policy) – 1990 के दशक
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) का विस्तार
  • कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रणाली लागू।
  1. राष्ट्रीय कृषि नीति (National Agriculture Policy) – 2000
  • 2020 तक 4% कृषि विकास दर प्राप्त करने का लक्ष्य।
  • टिकाऊ कृषि (Sustainable Agriculture) को बढ़ावा।
  • किसानों की आय में सुधार के उपाय।
  1. दूसरी हरित क्रांति (Second Green Revolution) – 2000 के बाद
  • पूर्वी भारत, जैविक खेती, बागवानी और कुटीर उद्योगों पर ध्यान
  1. कृषि सुधार बिल (Farm Reform Bills) – 2020 (अब निरस्त)
  • किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम।
  • आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम।
  • कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा समझौता अधिनियम।
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🔹 भारत में कृषि नीति के प्रमुख घटक (Key Components of Agricultural Policy in India)

1. न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price – MSP)

  • फसलों की सरकारी खरीद के लिए न्यूनतम मूल्य तय किया जाता है।
  • 23 फसलों के लिए MSP घोषित।
  • किसान संगठन चाहते हैं कि इसे कानूनी दर्जा दिया जाए।

2. खाद्य सुरक्षा और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS & Food Security)

  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत सब्सिडी वाला अनाज।
  • PDS के माध्यम से गेहूँ और चावल की आपूर्ति।

3. कृषि ऋण और बीमा (Agriculture Credit & Insurance)

  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) – फसल क्षति पर बीमा सुरक्षा।
  • किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) – कम ब्याज दर पर ऋण।

4. जैविक और प्राकृतिक खेती (Organic & Natural Farming)

  • परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) – जैविक खेती को बढ़ावा।
  • जीरो बजट प्राकृतिक खेती (ZBNF) – बिना रासायनिक उर्वरकों के खेती।

5. जल प्रबंधन और सिंचाई (Water Management & Irrigation)

  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) – “हर खेत को पानी”।
  • पर ड्रॉप, मोर क्रॉप (Per Drop More Crop) – सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा।

6. कृषि यंत्रीकरण (Agricultural Mechanization)

  • कृषि मशीनरी पर सब्सिडी।
  • ड्रोन तकनीक, सटीक खेती (Precision Farming)

7. फसल विविधीकरण (Crop Diversification)

  • गेहूँ-चावल आधारित खेती से हटकर दलहन, तिलहन और बागवानी पर जोर।

8. कृषि निर्यात नीति (Agriculture Export Policy – 2018)

  • 2022 तक 60 बिलियन डॉलर का कृषि निर्यात लक्ष्य।
  • जैविक और प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा।

🔹 कृषि क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियाँ (Challenges in Agricultural Sector in India)

🔴 1. जलवायु परिवर्तन और अनिश्चित मौसम (Climate Change & Weather Uncertainty)

  • मानसून पर अत्यधिक निर्भरता।
  • सूखा, बाढ़ और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाएँ।

🔴 2. छोटे और सीमांत किसान (Small & Marginal Farmers)

  • 85% से अधिक किसान छोटे और सीमांत हैं
  • संसाधनों की कमी, कम उत्पादन और आय।

🔴 3. बाजार और मूल्य अस्थिरता (Market & Price Instability)

  • किसानों को सही मूल्य नहीं मिलता, बिचौलियों की भूमिका।
  • MSP कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं।

🔴 4. कृषि उत्पादकता की समस्या (Low Agricultural Productivity)

  • विकसित देशों की तुलना में उत्पादकता कम।
  • सिंचाई, मृदा गुणवत्ता और अनुसंधान की कमी।

🔴 5. कर्ज और किसानों की आत्महत्या (Farm Debt & Farmer Suicides)

  • साहूकारों से उच्च ब्याज दर पर कर्ज लेना।
  • आय की असमानता और कृषि घाटे की समस्या।

🔹 कृषि सुधार के लिए संभावित समाधान (Way Forward for Agricultural Reforms in India)

1. जलवायु-समर्थित कृषि (Climate-Resilient Agriculture)

  • सूखा प्रतिरोधी फसलों और टिकाऊ कृषि तकनीकों को बढ़ावा।

2. किसानों की आय दोगुनी करने के उपाय (Doubling Farmers’ Income by 2024)

  • जैविक खेती, बागवानी और पशुपालन को बढ़ावा।

3. कृषि मूल्य शृंखला और प्रोसेसिंग (Value Chain & Agro-Processing)

  • FPOs (Farmer Producer Organizations) का निर्माण।
  • कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउसिंग की व्यवस्था।

4. तकनीक आधारित कृषि (Technology-Driven Agriculture)

  • ड्रोन और AI आधारित खेती।
  • eNAM (National Agriculture Market) का विस्तार।

5. कृषि निर्यात को बढ़ावा (Boosting Agricultural Exports)

  • वैश्विक बाजार में भारतीय कृषि उत्पादों की प्रतिस्पर्धा।
  • बाजारोन्मुखी कृषि रणनीति।

भारत की कृषि नीति 2024

कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। देश की लगभग 60% आबादी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। वर्ष 2024 में भारत सरकार ने कृषि नीति को अधिक कृषक-केंद्रित, टिकाऊ और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं।

🎯 कृषि नीति 2024 के मुख्य उद्देश्य

  1. किसानों की आय को बढ़ाना

  2. कृषि में सतत (Sustainable) प्रथाओं को बढ़ावा देना

  3. प्रौद्योगिकी आधारित समाधान को अपनाना

  4. कृषि को निर्यात उन्मुख बनाना

  5. जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन विकसित करना

  6. स्मार्ट और जैविक खेती को बढ़ावा देना

🏛️ 2024 की नई पहलें और नीतियाँ

1. डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन (Digital Agriculture Mission)
  • AI, IoT, GIS और ड्रोन टेक्नोलॉजी का प्रयोग

  • किसानों को रियल-टाइम सलाह

  • फसल बीमा और नुकसान का त्वरित आकलन

2. किसान ड्रोन योजना का विस्तार
  • ड्रोन से छिड़काव, फसल निगरानी

  • छोटे किसानों को सब्सिडी पर ड्रोन

3. PM-KISAN योजना में पारदर्शिता
  • e-KYC अनिवार्य

  • लाभार्थियों की आधार आधारित वेरिफिकेशन

4. प्राकृतिक खेती को बढ़ावा
  • रासायनिक मुक्त खेती के लिए राज्यों को अनुदान

  • “भारत जैविक अभियान” के तहत प्रशिक्षण

5. राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (e-NAM) का विस्तार
  • 1500 से अधिक मंडियाँ जुड़ीं

  • इंटर-स्टेट व्यापार को सरल बनाया गया

6. जल संरक्षण आधारित योजनाएँ
  • “माइक्रो इरिगेशन फंड”

  • “हर खेत को पानी” स्कीम

📉 प्रमुख चुनौतियाँ 2024 में

  • जलवायु परिवर्तन के कारण फसल उत्पादन में अस्थिरता

  • ग्रामीण युवाओं का कृषि से मोहभंग

  • बाज़ार मूल्य और MSP की असंगति

  • कृषि ऋण पर निर्भरता

  • भंडारण एवं लॉजिस्टिक्स की सीमाएँ

समाधान की दिशा में कदम

  • FPOs (Farmer Producer Organizations) को वित्तीय मदद

  • कृषि निवेश को आकर्षित करने के लिए एग्री स्टार्टअप्स को बढ़ावा

  • कृषि-शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों को अधिक फंड

  • PPP मॉडल के तहत प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी

🔹 संभावित UPSC प्रश्न (Possible UPSC Questions on Agriculture Policy)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims):

  1. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) कौन तय करता है?
  2. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का उद्देश्य क्या है?
  3. ई-नाम (e-NAM) प्लेटफॉर्म का क्या कार्य है?

मुख्य परीक्षा (Mains):

  1. भारतीय कृषि नीति में सुधार की आवश्यकता” पर चर्चा करें। (15 अंक, 250 शब्द)
  2. भारत में कृषि क्षेत्र की प्रमुख समस्याएँ और उनके समाधान” पर विस्तृत विश्लेषण करें। (15 अंक, 250 शब्द)
  3. “MSP प्रणाली की प्रभावशीलता और इसकी कानूनी गारंटी पर बहस करें।” (15 अंक, 250 शब्द)

🔹 निष्कर्ष (Conclusion)

भारत में कृषि नीति को सतत, टिकाऊ और तकनीक-सक्षम बनाने की जरूरत है। वैश्विक प्रतिस्पर्धा, जलवायु परिवर्तन और किसानों की आय बढ़ाने के लिए समग्र सुधार आवश्यक हैं।

FAQ

1. कृषि नीति क्या होती है?

कृषि नीति सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र के सुधार, किसानों की आय बढ़ाने, उत्पादन में वृद्धि, और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई दिशा-निर्देशों, योजनाओं और कार्यक्रमों का समुच्चय होती है।

2. भारत में कृषि नीति का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर:

  • किसानों की आय में वृद्धि

  • कृषि उत्पादन और उत्पादकता में सुधार

  • खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना

  • कृषि निर्यात को बढ़ावा देना

  • पर्यावरण अनुकूल खेती को बढ़ावा देना


3. भारत की पहली राष्ट्रीय कृषि नीति कब घोषित की गई थी?

उत्तर:
28 जुलाई, 2000 को भारत सरकार ने पहली बार राष्ट्रीय कृषि नीति (National Agriculture Policy) की घोषणा की थी।


4. वर्तमान में कृषि क्षेत्र से संबंधित कौन-कौन सी प्रमुख योजनाएँ हैं?

उत्तर:

  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN)

  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)

  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM)

  • ई-नाम (e-NAM) – कृषि बाजार डिजिटल प्लेटफार्म

  • मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना

  • किसान क्रेडिट कार्ड (KCC)

  • परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY)


5. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) क्या होता है?

उत्तर:
MSP वह न्यूनतम मूल्य है जिस पर सरकार किसानों से फसलें खरीदती है, ताकि किसानों को न्यूनतम लाभ मिल सके और बाजार में नुकसान से बचाया जा सके।


6. किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य क्या है?

उत्तर:
सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा था, जिसके लिए सिंचाई, बीमा, बाजार, तकनीक और सस्ती कृषि इनपुट्स पर ज़ोर दिया गया।


7. भारत में कृषि नीति के सामने मुख्य चुनौतियाँ क्या हैं?

उत्तर:

  • असमान वर्षा और जल संकट

  • सीमांत और छोटे किसान

  • कृषि में निवेश की कमी

  • मूल्य स्थिरता की कमी

  • फसल हानि और भंडारण की समस्या

  • बाजार तक पहुंच में बाधा


8. भारत सरकार ने हाल ही में कृषि क्षेत्र में कौन से सुधार किए हैं?

उत्तर:

  • कृषि उत्पादन व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम

  • मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम

  • आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम
    (हालांकि, इन कानूनों को बाद में किसान आंदोलनों के बाद वापस ले लिया गया।)


9. जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कौन सी योजना है?

उत्तर:
परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) और भारतीय जैविक कृषि प्रमाणन (PGS-India) जैसी योजनाओं से जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है।


10. कृषि नीति में तकनीक का क्या महत्व है?

उत्तर:

  • मौसम पूर्वानुमान

  • ड्रोन आधारित निगरानी

  • मोबाइल ऐप्स से बाजार जानकारी

  • मशीनीकरण से उत्पादकता में वृद्धि

  • डिजिटल कृषि (e-Agriculture) से पारदर्शिता और सुविधा

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