Ba 5th semester hindi question with answers
Paper 1 साहित्यिक और हिन्दी आलोचना
हिंदी साहित्यिक वह साहित्य है, जो हिंदी भाषा में रचित होता है। इसमें कविता, गद्य, नाटक, कहानी, उपन्यास, निबंध आदि शामिल हैं। यह मानवता, समाज, संस्कृति और जीवन के विविध पहलुओं को चित्रित करता है। साहित्यिक रचनाओं के माध्यम से लेखक अपने विचारों और भावनाओं का निरूपण करता है। वहीं, हिंदी आलोचना साहित्यिक रचनाओं का विश्लेषण और मूल्यांकन करने की प्रक्रिया है। इसमें साहित्यिक कृतियों की गुणवत्ता, उद्देश्य, और सामाजिक-आध्यात्मिक प्रभाव का परीक्षण किया जाता है। हिंदी आलोचना के प्रसिद्ध आलोचकों में आचार्य शंकर, काका कालेलकर, और नारायण डब्बे शामिल हैं। आलोचना साहित्य को समझने और उसके प्रभावों को पहचानने में सहायक होती है।
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Paper 2 हिन्दी का राष्ट्रीय काव्य
हिंदी का राष्ट्रीय काव्य वह साहित्य है, जो भारतीय संस्कृति, अस्मिता और स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरणास्पद विषयों को उजागर करता है। यह काव्य भारतीय समाज की एकता, अखंडता और गौरव का प्रतीक है। हिंदी का राष्ट्रीय काव्य भारतीय जनमानस में देशभक्ति, स्वतंत्रता और सामाजिक जागरूकता के भावों को जागृत करता है। रवींद्रनाथ ठाकुर (रवींद्रनाथ ठाकुर) का “वन्दे मातरम्” और सूरदास, मीरा बाई, जयशंकर प्रसाद जैसे कवियों की रचनाएँ इस श्रेणी में आती हैं। इन कविताओं में भारतीय संस्कृति के प्रति गर्व और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष की भावना को प्रमुखता से व्यक्त किया गया है।