Citizenship in hindi
नागरिकता | Citizenship
📜 परिचय
नागरिकता (Citizenship) किसी व्यक्ति और राज्य के बीच क़ानूनी संबंध को दर्शाती है। यह व्यक्ति को संवैधानिक अधिकार और कर्तव्य प्रदान करता है।
भारत में नागरिकता से संबंधित प्रावधान संविधान के भाग-II (अनुच्छेद 5 से 11) में दिए गए हैं।
📌 विशेष बिंदु:
- भारतीय संविधान में नागरिकता का एकल प्रावधान है (एकल नागरिकता – Single Citizenship) जैसा कि ब्रिटेन में है।
- अमेरिका जैसे देशों में दोहरी नागरिकता (Dual Citizenship) होती है, लेकिन भारत में यह मान्य नहीं है।
🔹 भारतीय संविधान में नागरिकता के प्रावधान (अनुच्छेद 5-11)
अनुच्छेद | विषय |
अनुच्छेद 5 | संविधान लागू होने के समय नागरिकता की स्थिति। |
अनुच्छेद 6 | पाकिस्तान से आए प्रवासियों को नागरिकता। |
अनुच्छेद 7 | पाकिस्तान गए लोगों की नागरिकता की स्थिति। |
अनुच्छेद 8 | विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों को नागरिकता। |
अनुच्छेद 9 | दोहरी नागरिकता पर प्रतिबंध। |
अनुच्छेद 10 | नागरिकता जारी रखने के अधिकार। |
अनुच्छेद 11 | संसद को नागरिकता से जुड़े कानून बनाने की शक्ति। |
📌 महत्व:
- यह संविधान लागू होने के समय नागरिकता प्राप्त करने के प्रावधान देता है।
- नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत संसद को आगे नए कानून बनाने की शक्ति प्राप्त है।
🔹 नागरिकता अधिनियम, 1955
भारतीय संसद ने “नागरिकता अधिनियम, 1955″ पारित किया, जिसमें नागरिकता प्राप्त करने और समाप्त करने के नियम निर्धारित किए गए।
नागरिकता प्राप्त करने के तरीके
नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार, कोई व्यक्ति भारत की नागरिकता पाँच तरीकों से प्राप्त कर सकता है:
1️⃣ जन्म से नागरिकता (Citizenship by Birth) – Section 3
- 26 जनवरी 1950 से 1 जुलाई 1987 के बीच भारत में जन्म लेने वाला प्रत्येक व्यक्ति भारतीय नागरिक होगा।
- 1 जुलाई 1987 के बाद यदि माता-पिता में से एक भारतीय नागरिक हो, तो वह व्यक्ति भारतीय नागरिक होगा।
- 3 दिसंबर 2004 के बाद यदि माता-पिता में से एक भारतीय नागरिक हो और दूसरा अवैध प्रवासी न हो, तभी नागरिकता मिलेगी।
📌 महत्व: इस प्रावधान का उद्देश्य अवैध प्रवासियों को नागरिकता मिलने से रोकना है।
2️⃣ वंशानुगत नागरिकता (Citizenship by Descent) – Section 4
- यदि कोई व्यक्ति भारत से बाहर जन्म लेता है, लेकिन उसके माता-पिता में से कोई एक भारतीय नागरिक है, तो उसे नागरिकता मिलेगी।
- यदि पिता/माता में से कोई भारतीय नागरिक हो, लेकिन बच्चे का जन्म भारत से बाहर हुआ हो, तो नागरिकता तभी मिलेगी जब उसका पंजीकरण भारतीय दूतावास में कराया जाए।
📌 महत्व: यह प्रवासी भारतीयों (NRIs) के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान है।
3️⃣ पंजीकरण द्वारा नागरिकता (Citizenship by Registration) – Section 5
कुछ विशेष श्रेणियों के विदेशी नागरिक, जो भारत से विशेष संबंध रखते हैं, सरकार से अनुमति लेकर पंजीकरण के माध्यम से नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं।
📌 योग्यता:
- भारत में 7 वर्षों से निवास कर रहे लोग।
- भारतीय नागरिक के पति/पत्नी।
- भारत में जन्मे व्यक्ति के माता-पिता।
- भारतीय मूल के व्यक्ति।
- प्रवासी भारतीय कार्ड धारक।
📌 महत्व: यह भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों के लिए एक सरल मार्ग प्रदान करता है।
4️⃣ प्राकृतिककरण द्वारा नागरिकता (Citizenship by Naturalization) – Section 6
- कोई भी विदेशी नागरिक, जो भारत में 12 वर्षों तक कानूनी रूप से निवास कर चुका हो, भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है।
- उसे भारतीय संविधान और कानूनों के प्रति निष्ठावान होना चाहिए।
📌 महत्व: यह प्रावधान विशेष योग्यता वाले विदेशी नागरिकों के लिए लागू होता है।
5️⃣ क्षेत्र के विलय द्वारा नागरिकता (Citizenship by Incorporation of Territory) – Section 7
यदि भारत में कोई नया क्षेत्र जोड़ा जाता है, तो वहां रहने वाले लोगों को स्वतः भारतीय नागरिकता मिल जाएगी।
📌 उदाहरण:
- 1961 में गोवा, दमन और दीव के भारत में विलय के बाद वहां के लोगों को भारतीय नागरिकता दी गई।
- 2019 में जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन।
🔹 भारतीय नागरिकता समाप्त करने के प्रावधान
भारतीय नागरिकता तीन तरीकों से समाप्त हो सकती है:
तरीका | विवरण |
त्याग (Renunciation) | यदि कोई भारतीय नागरिक स्वयं नागरिकता छोड़ना चाहता है। |
स्वतः समाप्ति (Termination) | यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से किसी अन्य देश की नागरिकता ले लेता है, तो भारतीय नागरिकता समाप्त हो जाती है। |
निष्कासन (Deprivation) | सरकार किसी व्यक्ति की नागरिकता धोखाधड़ी, देशद्रोह, या अन्य राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के कारण समाप्त कर सकती है। |
📌 महत्व: भारत में दोहरी नागरिकता मान्य नहीं है, इसलिए यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य देश की नागरिकता लेता है, तो उसकी भारतीय नागरिकता स्वतः समाप्त हो जाएगी।
🔹 नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (CAA, 2019)
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), 2019 का मुख्य उद्देश्य अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है।
📌 मुख्य प्रावधान:
- 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी।
- नागरिकता के लिए आवश्यक 12 वर्षों के निवास की शर्त घटाकर 5 वर्ष कर दी गई।
- यह संशोधन असम, पूर्वोत्तर राज्यों और शरणार्थी मुद्दों से जुड़े विवादों के कारण चर्चा में रहा।
📌 महत्व:
- यह धार्मिक उत्पीड़न के शिकार लोगों को नागरिकता देने पर केंद्रित है।
- इस पर कई विरोध और समर्थन हुए।
🔍 निष्कर्ष
भारतीय नागरिकता का प्रावधान भारत के संवैधानिक मूल्यों, राष्ट्रीय एकता और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को संतुलित करने के लिए बनाया गया है।
📌 UPSC परीक्षा में संभावित प्रश्न:
- “भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत नागरिकता प्राप्त करने के विभिन्न तरीके क्या हैं?”
- “CAA, 2019 के प्रावधानों की समीक्षा करें और इसके प्रभावों पर चर्चा करें।”
- “संविधान का अनुच्छेद 5-11 भारतीय नागरिकता को कैसे परिभाषित करता है?”
➡ नागरिकता का विषय न केवल संवैधानिक और कानूनी रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की सामाजिक और राजनीतिक संरचना को भी प्रभावित करता है। 🚀
FAQ
1. भारतीय संविधान में नागरिकता (Citizenship) से संबंधित प्रावधान कहाँ दिए गए हैं?
2. भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के कितने तरीके हैं?
➤ भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत पाँच तरीके से नागरिकता प्राप्त की जा सकती है:
-
जन्म के आधार पर (By Birth) – यदि कोई व्यक्ति भारत में जन्मा हो।
-
वंशानुगत (By Descent) – यदि उसके माता-पिता भारतीय नागरिक हों।
-
पंजीकरण (By Registration) – यदि किसी विदेशी व्यक्ति ने भारत में विवाह किया हो या कुछ वर्षों तक भारत में रहा हो।
-
नागरिकता ग्रहण (By Naturalization) – यदि कोई विदेशी व्यक्ति भारत में 12 वर्षों तक रहा हो।
-
भारतीय क्षेत्र में सम्मिलन (By Incorporation of Territory) – यदि भारत में कोई नया क्षेत्र जोड़ा जाता है, तो वहाँ के लोग भारतीय नागरिक बन जाते हैं।
3. भारतीय नागरिकता अधिनियम कब लागू हुआ?
➤ भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 को 30 दिसंबर 1955 को लागू किया गया था।
4. भारतीय संविधान में दोहरी नागरिकता (Dual Citizenship) का प्रावधान है क्या?
➤ नहीं, भारत में दोहरी नागरिकता (Dual Citizenship) की अनुमति नहीं है।
5. भारत में कौन नागरिकता कानून बनाता है?
➤ संसद नागरिकता से संबंधित कानून बनाती है और इसे नियंत्रित करती है।
6. किसी व्यक्ति की भारतीय नागरिकता कैसे समाप्त हो सकती है?
➤ भारतीय नागरिकता समाप्त होने के तीन तरीके हैं:
-
स्वैच्छिक त्याग (Renunciation) – यदि कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से नागरिकता छोड़ दे।
-
स्वतः समाप्ति (Termination) – यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य देश की नागरिकता ले ले।
-
नागरिकता रद्द (Deprivation) – यदि किसी व्यक्ति ने नागरिकता धोखाधड़ी से प्राप्त की हो या देश-विरोधी गतिविधियों में लिप्त हो।
7. प्रवासी भारतीय (Overseas Indians) के लिए कौन-सा विशेष दर्जा है?
➤ भारत ने OCI (Overseas Citizen of India) कार्ड की व्यवस्था की है, जिससे विदेशी नागरिक कुछ विशेष सुविधाएँ प्राप्त कर सकते हैं लेकिन पूर्ण नागरिकता नहीं मिलती।
8. OCI और PIO में क्या अंतर था?
➤ पहले, भारत में OCI (Overseas Citizen of India) और PIO (Person of Indian Origin) दो श्रेणियाँ थीं, लेकिन 2015 में PIO को समाप्त कर दिया गया और इसे OCI में मिला दिया गया।
9. भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए न्यूनतम निवास अवधि क्या है?
➤ नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार, यदि कोई विदेशी नागरिक भारत में 12 वर्षों (11 वर्ष लगातार निवास और 1 वर्ष हाल में) रहा हो, तो वह नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है।
10. क्या एक विदेशी व्यक्ति भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकता है?
➤ हाँ, यदि वह नैसर्गिकरण (Naturalization) की शर्तें पूरी करता है और भारत सरकार उसे नागरिकता प्रदान करने का निर्णय लेती है।
11. क्या पाकिस्तान, बांग्लादेश या चीन के नागरिक भारतीय नागरिकता ले सकते हैं?
➤ हाँ, लेकिन इसके लिए भारत सरकार की अनुमति और सुरक्षा एजेंसियों की मंजूरी आवश्यक होती है।
12. नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) 2019 क्या है?
➤ CAA, 2019 पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करता है, यदि वे 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आए हों।
13. क्या CAA मुस्लिमों पर लागू होता है?
➤ नहीं, CAA में मुस्लिम शरणार्थियों को शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि यह उन देशों से धार्मिक उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों के लिए लागू है।
14. नागरिकता अधिनियम 1955 में अब तक कितने संशोधन किए गए हैं?
➤ नागरिकता अधिनियम में 1986, 1992, 2003, 2005, 2015 और 2019 में संशोधन किए गए हैं।
15. क्या भारत में जन्म लेने वाला हर व्यक्ति भारतीय नागरिक होता है?
➤ नहीं, नागरिकता अधिनियम 1955 के अनुसार:
-
1950 से 1987 तक जन्म लेने वाले सभी लोग भारतीय नागरिक माने जाते थे।
-
1987 से 2003 के बीच जन्म लेने वाले व्यक्ति तभी नागरिक होंगे, जब उनके माता-पिता में से एक भारतीय हो।
-
2004 के बाद जन्म लेने वाले व्यक्ति तभी नागरिक होंगे, जब उनके माता-पिता में से एक भारतीय नागरिक हो और दूसरा अवैध प्रवासी न हो।
16. भारत के पहले नागरिक कौन हैं?
➤ भारत के राष्ट्रपति देश के प्रथम नागरिक होते हैं।
17. क्या कोई भारतीय नागरिक विदेश में सरकारी पद ले सकता है?
➤ नहीं, यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य देश की नागरिकता लेता है या वहाँ सरकारी पद लेता है, तो उसकी भारतीय नागरिकता समाप्त हो सकती है।
18. क्या प्रवासी भारतीय (NRIs) भारतीय नागरिकता रखते हैं?
➤ हाँ, यदि वे किसी अन्य देश की नागरिकता नहीं लेते हैं, तो वे भारतीय नागरिक ही रहते हैं।
19. OCI (Overseas Citizen of India) और भारतीय नागरिकता में क्या अंतर है?
➤
विशेषता | भारतीय नागरिक | OCI कार्डधारक |
---|---|---|
मतदान का अधिकार | हाँ | नहीं |
सरकारी नौकरी | हाँ | नहीं |
पासपोर्ट | भारतीय पासपोर्ट | विदेशी पासपोर्ट |
कृषि भूमि खरीदने का अधिकार | हाँ | नहीं |
20. क्या नेपाल और भूटान के नागरिक भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं?
➤ हाँ, यदि वे भारतीय नागरिकता की शर्तें पूरी करते हैं और भारत सरकार अनुमति देती है।
📌 सारांश:
संविधान का अनुच्छेद | विवरण |
---|---|
अनुच्छेद 5 | भारत में जन्मे नागरिकों की नागरिकता |
अनुच्छेद 6 | भारत में प्रवास करने वाले शरणार्थियों की नागरिकता |
अनुच्छेद 7 | पाकिस्तान गए लोगों की नागरिकता |
अनुच्छेद 8 | भारत से बाहर जन्मे लोगों की नागरिकता |
अनुच्छेद 9 | दोहरी नागरिकता पर प्रतिबंध |
अनुच्छेद 10 | नागरिकता की निरंतरता |
अनुच्छेद 11 | संसद को नागरिकता से संबंधित कानून बनाने की शक्ति |