Elections in India in hindi

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Elections in India in hindi

भारत में चुनाव (Elections in India)

परिचय

भारत में चुनाव (Elections in India) लोकतंत्र का आधार स्तंभ हैं। यह प्रक्रिया नागरिकों को सरकार चुनने और सत्ता परिवर्तन का अधिकार देती है। भारत में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार (Universal Adult Franchise) के सिद्धांत पर चुनाव संपन्न होते हैं, जहाँ 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिक मतदान कर सकते हैं।

भारतीय संविधान का भाग XV (अनुच्छेद 324 से 329) चुनावों से संबंधित प्रावधानों को परिभाषित करता है।
चुनाव आयोग (Election Commission of India – ECI) भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार संवैधानिक निकाय है।
✅ भारत में लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभाओं, विधान परिषदों, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और स्थानीय निकायों के चुनाव होते हैं।

भारत में चुनावी व्यवस्था (Electoral System in India)

✅ भारत एक संसदीय लोकतंत्र (Parliamentary Democracy) है, जहाँ लोकतंत्र की तीन प्रमुख विशेषताएँ हैं:
1️⃣ लोकतांत्रिक शासन प्रणाली – जनता द्वारा चुनी गई सरकार।
2️⃣ सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार – सभी 18 वर्ष से अधिक नागरिकों को मतदान का अधिकार।
3️⃣ स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव – चुनाव आयोग द्वारा निष्पादन।

📌 भारतीय चुनावी प्रणाली के प्रकार:

  • प्रत्यक्ष चुनाव (Direct Election) – मतदाता सीधे अपने प्रतिनिधियों को चुनते हैं (जैसे लोकसभा, राज्य विधानसभाएँ)।
  • अप्रत्यक्ष चुनाव (Indirect Election) – निर्वाचक मंडल (Electoral College) के माध्यम से चुनाव होते हैं (जैसे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यसभा सदस्य)।
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📌 मुख्य चुनावी विधियाँ:
1️⃣ पहले-पहले-पास (First-Past-the-Post System – FPTP):

  • लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव में प्रयोग किया जाता है।
  • जिस उम्मीदवार को सबसे अधिक मत मिलते हैं, वह विजयी होता है।

अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली (Proportional Representation System – PR):

  • राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यसभा और विधान परिषदों के चुनावों में उपयोग।
  • इसमें एकल संक्रमणीय मत (Single Transferable Vote – STV) प्रणाली अपनाई जाती है।

2️ चुनाव आयोग (Election Commission of India – ECI)

📌 अनुच्छेद 324 के तहत भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की स्थापना की गई, जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करता है।

संरचना:

  • एक मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और अधिकतम दो अन्य चुनाव आयुक्त।
  • कार्यकाल: 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु (जो पहले हो)।
  • नियुक्ति: राष्ट्रपति द्वारा।
  • हटाने की प्रक्रिया: केवल संसद द्वारा महाभियोग के माध्यम से।

📌 ECI के कार्य:
✔️ चुनावों की अधिसूचना जारी करना।
✔️ राजनीतिक दलों की मान्यता और पंजीकरण।
✔️ आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू करना।
✔️ धनबल, बाहुबल और अन्य अनियमितताओं पर नियंत्रण।

👉 चुनाव आयोग की सिफारिशें – चुनाव सुधारों को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण।

भारत में चुनावों के प्रकार (Types of Elections in India)

(A) संसदीय चुनाव (Parliamentary Elections)

📌 लोकसभा चुनाव (General Elections)

  • प्रत्यक्ष चुनाव (FPTP प्रणाली) के माध्यम से।
  • 545 सीटें – 543 निर्वाचित + 2 नामित (एंग्लो-इंडियन कोटा अब समाप्त)।
  • 5 वर्ष का कार्यकाल।
  • राष्ट्रपति लोकसभा भंग कर सकता है।

📌 राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Elections)

  • अप्रत्यक्ष चुनाव (PR-STV प्रणाली) द्वारा।
  • 245 सदस्य – 233 निर्वाचित + 12 राष्ट्रपति द्वारा नामित।
  • सदस्य 6 वर्ष के लिए चुने जाते हैं, हर 2 वर्ष में 1/3 सदस्य सेवानिवृत्त होते हैं।

(B) राज्य विधानमंडल चुनाव (State Legislative Elections)

📌 विधानसभा चुनाव (State Legislative Assembly – Vidhan Sabha)

  • लोकसभा की तरह ही प्रत्यक्ष चुनाव (FPTP प्रणाली) द्वारा।
  • 5 वर्ष का कार्यकाल।
  • राज्यपाल विधानसभा भंग कर सकता है।

📌 विधान परिषद चुनाव (State Legislative Council – Vidhan Parishad)

  • अप्रत्यक्ष चुनाव (PR-STV प्रणाली) द्वारा।
  • केवल कुछ राज्यों में (जैसे – उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र)।
  • सदस्य 6 वर्ष के लिए चुने जाते हैं, हर 2 वर्ष में 1/3 सदस्य सेवानिवृत्त होते हैं।

(C) राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव (Presidential & Vice-Presidential Elections)

📌 राष्ट्रपति चुनाव:

  • अनुच्छेद 54निर्वाचक मंडल (Electoral College) के माध्यम से।
  • लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य वोट डालते हैं।
  • PR-STV प्रणाली द्वारा।
  • 5 वर्ष का कार्यकाल।

📌 उपराष्ट्रपति चुनाव:

  • अनुच्छेद 66 – केवल संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य मतदान करते हैं।
  • PR-STV प्रणाली द्वारा।
  • 5 वर्ष का कार्यकाल।

(D) स्थानीय निकाय चुनाव (Local Body Elections)

📌 नगर निगम, नगरपालिका और पंचायतों के चुनाव

  • राज्य चुनाव आयोग (State Election Commission) द्वारा आयोजित।
  • नगरपालिका (Urban Local Bodies) और पंचायती राज संस्थाएँ (Rural Local Bodies) के चुनाव।
  • अनुच्छेद 243K और 243ZA के तहत।

भारत में चुनावी सुधार (Electoral Reforms in India)

📌 चुनाव प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए विभिन्न सुधार किए गए हैं:

EVM और VVPAT का उपयोग।
NOTA (None of the Above) विकल्प (2013 से लागू)।
चुनावी खर्च की सीमा।
आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के खिलाफ कानून।
ऑनलाइन वोटिंग और प्रवासी भारतीयों के लिए मतदान प्रणाली का विकास।

📌 मुख्य सिफारिशें:
👉 लोकपाल विधेयक – भ्रष्टाचार के खिलाफ।
👉 लौहिया समिति (1990) – चुनाव खर्च नियंत्रण।
👉 द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग – चुनाव सुधारों पर सुझाव।

चुनावी चुनौतियाँ और समाधान

धनबल और बाहुबल का प्रभाव।
झूठी जानकारी और फर्जी खबरें।
मतदाता खरीदने की प्रवृत्ति।
चुनावी हिंसा।
कम मतदान प्रतिशत।

सॉल्यूशंस:
✔️ राजनीतिक दलों की वित्तीय पारदर्शिता।
✔️ चुनावी अपराधों के खिलाफ सख्त कानून।
✔️ डिजिटल और ऑनलाइन मतदान प्रणाली को अपनाना।

निष्कर्ष

📌 भारत का चुनावी तंत्र दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक प्रयोग है।
📌 चुनाव आयोग की भूमिका निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण है।
📌 चुनावी सुधारों की लगातार जरूरत बनी रहती है ताकि लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत हों।

UPSC में संभावित प्रश्न:

1️⃣ भारत में चुनाव आयोग की भूमिका और उसकी शक्तियों की चर्चा करें।”
2️⃣ भारत में चुनाव सुधारों की आवश्यकता और सिफारिशों पर चर्चा करें।”
3️⃣ लोकसभा और राज्यसभा के चुनावी प्रक्रिया की तुलना करें।” 🚀

FAQ

1. भारत में चुनाव कौन करवाता है?

भारत में चुनाव भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India - ECI) द्वारा करवाए जाते हैं। , यह एक स्वतंत्र संवैधानिक निकाय है, जो संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत स्थापित किया गया है।

1. भारत में चुनाव कितने प्रकार के होते हैं?

भारत में चुनाव मुख्य रूप से पांच प्रकार के होते हैं:

  1. लोकसभा चुनाव (Parliamentary Elections) – केंद्र सरकार के गठन के लिए।

  2. राज्य विधानसभा चुनाव (State Assembly Elections) – राज्य सरकार के गठन के लिए।

  3. राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Elections) – राज्यसभा सदस्यों के लिए।

  4. स्थानीय निकाय चुनाव (Local Body Elections) – ग्राम पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम के लिए।

  5. राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव (Presidential & Vice-Presidential Elections) – भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव।


2. भारत में चुनाव कौन करवाता है?

  • भारत में चुनाव भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India – ECI) द्वारा करवाए जाते हैं।

  • यह एक स्वतंत्र संवैधानिक निकाय है, जो संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत स्थापित किया गया है।


3. भारत में चुनाव कितने साल में होते हैं?

  • लोकसभा और विधानसभा चुनाव – हर 5 साल में होते हैं।

  • राज्यसभा चुनाव – हर 2 साल में एक तिहाई सदस्यों का चुनाव होता है।

  • स्थानीय निकाय चुनाव – अलग-अलग राज्यों में नियमों के अनुसार होते हैं।

  • राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव – हर 5 साल में होते हैं।


4. लोकसभा चुनाव कैसे होते हैं?

  • लोकसभा चुनाव प्रत्यक्ष मतदान प्रणाली (Direct Election) द्वारा होते हैं।

  • देश को 543 लोकसभा सीटों में बाँटा जाता है।

  • हर क्षेत्र के लोग मतदान (Voting) कर अपने प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं।

  • जो पार्टी या गठबंधन 272+ सीटें जीतता है, वह सरकार बनाता है।


5. राज्यसभा चुनाव कैसे होते हैं?

  • राज्यसभा के सदस्य प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा नहीं चुने जाते

  • राज्य विधानसभा के विधायक मतदान के माध्यम से राज्यसभा सदस्यों का चुनाव करते हैं।

  • राज्यसभा का कार्यकाल 6 साल का होता है, लेकिन हर 2 साल में एक-तिहाई सदस्यों का चुनाव होता है।


6. राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?

  • राष्ट्रपति का चुनाव सांसदों (MPs) और विधायकों (MLAs) द्वारा किया जाता है।

  • उपराष्ट्रपति का चुनाव केवल संसद (Parliament) के सदस्य करते हैं।


7. कौन चुनाव लड़ सकता है?

कोई भी भारतीय नागरिक, जो निम्नलिखित शर्तें पूरी करता है, चुनाव लड़ सकता है:

  • लोकसभा चुनाव के लिए – कम से कम 25 साल की उम्र।

  • राज्यसभा और विधानसभा चुनाव के लिए – कम से कम 30 साल की उम्र।

  • राष्ट्रपति चुनाव के लिए – कम से कम 35 साल की उम्र।

  • भारत का नागरिक होना आवश्यक है

  • किसी भी गंभीर आपराधिक मामले में दोषी नहीं होना चाहिए


8. भारत में मताधिकार (Voting Rights) किसे मिलता है?

  • भारतीय संविधान के तहत, 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के नागरिक मतदान कर सकते हैं

  • यह अधिकार संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत प्रदान किया गया है।


9. भारत में कौन-कौन से चुनावी आयोग हैं?

भारत में मुख्य रूप से तीन प्रकार के चुनाव आयोग होते हैं:

  1. भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India – ECI) – लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा चुनाव करवाता है।

  2. राज्य चुनाव आयोग (State Election Commission – SEC) – स्थानीय निकाय चुनाव करवाता है।

  3. दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के लिए अलग चुनाव आयोग – कुछ विशेष केंद्र शासित प्रदेशों में चुनाव करवाने के लिए।


10. चुनावों में EVM (Electronic Voting Machine) का उपयोग कैसे किया जाता है?

  • EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का उपयोग भारत में 2004 से पूर्ण रूप से शुरू हुआ।

  • इसमें एक बैलेट यूनिट (Ballot Unit) और कंट्रोल यूनिट (Control Unit) होती है।

  • मतदाता बटन दबाकर अपने उम्मीदवार को वोट देता है

  • VVPAT (Voter Verifiable Paper Audit Trail) का उपयोग भी किया जाता है, जिससे मतदाता अपने वोट की पुष्टि कर सकता है।


11. चुनावों में “आचार संहिता” क्या होती है?

  • आचार संहिता (Model Code of Conduct – MCC) चुनाव आयोग द्वारा लागू किए गए नियमों का एक समूह होता है।

  • इसमें सरकार और उम्मीदवारों पर चुनाव के दौरान कुछ प्रतिबंध लगाए जाते हैं ताकि निष्पक्ष चुनाव हो सकें।

  • यह चुनाव की तारीख घोषित होते ही लागू हो जाती है


12. चुनाव लड़ने के लिए निर्दलीय उम्मीदवार (Independent Candidate) क्या कर सकता है?

  • कोई भी व्यक्ति बिना किसी राजनीतिक पार्टी के समर्थन के चुनाव लड़ सकता है

  • इसके लिए उसे नामांकन पत्र भरना होगा और निर्धारित संख्या में लोगों का समर्थन प्राप्त करना होगा।


13. चुनाव में “NOTA” क्या होता है?

  • NOTA (None of the Above) का मतलब है “इनमें से कोई नहीं”

  • अगर कोई मतदाता किसी भी उम्मीदवार को पसंद नहीं करता, तो वह NOTA का चयन कर सकता है

  • हालांकि, NOTA वोट से किसी उम्मीदवार की जीत या हार पर सीधा असर नहीं पड़ता


14. अगर कोई वोट डालने से वंचित हो जाए तो क्या किया जा सकता है?

  • अगर किसी व्यक्ति का नाम मतदाता सूची (Voter List) में नहीं है, तो वह चुनाव आयोग से शिकायत कर सकता है

  • वोट डालने के लिए पहले से मतदाता सूची में नाम दर्ज कराना जरूरी है


15. चुनाव में धनबल और बाहुबल पर क्या प्रतिबंध हैं?

  • चुनाव आयोग किसी भी पार्टी या उम्मीदवार को गैरकानूनी धन और बल प्रयोग से रोकने के लिए कड़े नियम लागू करता है

  • उम्मीदवारों पर चुनावी खर्च की सीमा तय की जाती है

  • आचार संहिता के उल्लंघन पर चुनाव आयोग कार्रवाई कर सकता है

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