federalism in hindi

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संघवाद | Federalism

📜 परिचय

संघवाद (Federalism) एक शासन प्रणाली है जिसमें सत्ता केंद्र और राज्यों के बीच विभाजित होती है। भारतीय संविधान ने संघीय संरचना को अपनाया है, लेकिन यह एकात्मक (Unitary) और संघीय (Federal) विशेषताओं का संयोजन करता है।

📌 संविधान में संघवाद का उल्लेख

  • अनुच्छेद 1: “भारत राज्यों का संघ होगा।” (India is a Union of States)
  • अनुच्छेद 245-263: केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों के वितरण को निर्धारित करता है।
  • अनुच्छेद 280: वित्तीय संघवाद के लिए वित्त आयोग का गठन।

भारतीय संघवाद की विशेषता:

✅ शक्ति का समान वितरण नहीं, बल्कि केंद्र के पास अधिक शक्तियाँ।
✅ राज्यों की संवैधानिक पहचान सुरक्षित, लेकिन केंद्र के अधीन।
आपातकालीन प्रावधानों के तहत केंद्र की शक्ति बढ़ जाती है।

1️ संघवाद की परिभाषा (Definition of Federalism)

📌 संघवाद वह राजनीतिक व्यवस्था है जिसमें शक्ति का दोहरा वितरण (Dual Polity) होता है –
🔹 केंद्र और राज्य स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं लेकिन संविधान के अधीन होते हैं।

🔍 संघीय शासन प्रणाली की प्रमुख विशेषताएँ:

  1. दोहरी सरकार (Dual Government) – केंद्र और राज्य सरकारें।
  2. संविधान का सर्वोच्चता (Supremacy of Constitution) – केंद्र और राज्य संविधान के अनुसार चलते हैं।
  3. शक्ति का विभाजन (Division of Power) – केंद्र और राज्यों में स्पष्ट शक्ति विभाजन।
  4. संविधान की कठोरता (Rigidity of Constitution) – संविधान को बदलने की जटिल प्रक्रिया।
  5. स्वतंत्र न्यायपालिका (Independent Judiciary) – केंद्र-राज्य विवादों का निपटारा करता है।
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2️ भारतीय संघवाद की प्रकृति (Nature of Indian Federalism)

✅ भारतीय संविधान में संघवाद की विशेषताएँ तो हैं, लेकिन यह केंद्र की मजबूत स्थिति को बनाए रखता है।
✅ यह संघीय सरकार + एकात्मक झुकाव” का मिश्रण है।
✅ भारतीय संघवाद को कार्यात्मक संघवाद” (Functional Federalism) भी कहा जाता है।

🔍 विशिष्ट विशेषताएँ:
📌 सामान्य संघवाद” (Classical Federalism) की विशेषताएँ:

  • केंद्र और राज्यों के बीच शक्ति का विभाजन।
  • संविधान की सर्वोच्चता।
  • न्यायपालिका की स्वतंत्रता।

📌 विशिष्ट भारतीय संघवाद” की विशेषताएँ:

  • केंद्र के पास आपातकालीन शक्तियाँ।
  • असमान राज्यों का संघ (जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों के लिए विशेष प्रावधान)।
  • केंद्र-राज्य संबंधों में लचीलापन।

📌 डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कहा:
भारत संघीय व्यवस्था वाला राज्य है, लेकिन आपातकाल के दौरान यह एकात्मक बन सकता है।”

3️ भारतीय संघवाद के प्रमुख तत्व

🔹 1. शक्ति का वितरण (Distribution of Powers) – अनुच्छेद 245-263

📌 भारतीय संविधान में तीन सूची प्रणाली के तहत शक्ति का वितरण किया गया है:

  1. संघ सूची (Union List – 97 विषय) – रक्षा, विदेश नीति, रेलवे, संचार।
  2. राज्य सूची (State List – 66 विषय) – पुलिस, स्वास्थ्य, कृषि, जल आपूर्ति।
  3. समवर्ती सूची (Concurrent List – 47 विषय) – शिक्षा, वन, विवाह, श्रम कानून।

संसद को समवर्ती सूची के विषयों पर कानून बनाने का अधिकार है।
राज्यों के पास विशेष शक्तियाँ, लेकिन केंद्र की प्राथमिकता अधिक।

🔹 2. वित्तीय संघवाद (Financial Federalism) – अनुच्छेद 268-281

📌 राज्यों की वित्तीय निर्भरता केंद्र पर अधिक है।
📌 संविधान में कराधान और वित्तीय संसाधनों का वितरण भी तीन स्तरों पर विभाजित है:

  • केंद्र कर (Union Taxes) – आयकर, कॉर्पोरेट टैक्स, कस्टम ड्यूटी।
  • राज्य कर (State Taxes) – संपत्ति कर, बिक्री कर, मनोरंजन कर।
  • साझा कर (Shared Taxes) – जीएसटी, एक्साइज ड्यूटी।

वित्त आयोग (Finance Commission – अनुच्छेद 280) वित्तीय संसाधनों के न्यायसंगत वितरण की सिफारिश करता है।

🔹 3. केंद्र-राज्य संबंध (Centre-State Relations) – अनुच्छेद 256-263

📌 केंद्र और राज्यों के संबंध तीन प्रकार के होते हैं:

  1. विधायी संबंध (Legislative Relations) – केंद्र की प्रधानता, समवर्ती सूची में प्राथमिकता।
  2. प्रशासनिक संबंध (Administrative Relations) – राज्यों को केंद्र की निगरानी में काम करना पड़ता है।
  3. वित्तीय संबंध (Financial Relations) – केंद्र राज्यों को अनुदान और करों का हिस्सा देता है।

राज्यपाल” (Governor) को केंद्र का प्रतिनिधि माना जाता है, जो राज्यों की स्वायत्तता को सीमित करता है।

🔹 4. आपातकालीन प्रावधान और संघवाद (Emergency Provisions and Federalism)

📌 संविधान में तीन प्रकार के आपातकाल (Emergency) का प्रावधान है:

  1. राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency – अनुच्छेद 352)
  2. राज्य आपातकाल (President’s Rule – अनुच्छेद 356)
  3. वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency – अनुच्छेद 360)

आपातकाल के दौरान केंद्र को राज्यों की सभी शक्तियाँ मिल जाती हैं।
यह संघवाद को अस्थायी रूप से “एकात्मक शासन” में बदल देता है।

4️ भारतीय संघवाद की चुनौतियाँ (Challenges to Indian Federalism)

1️⃣ केंद्र का अधिक हस्तक्षेप – राज्यपाल की नियुक्ति, केंद्र की नीतियाँ।
2️⃣ वित्तीय असंतुलन – राज्यों की केंद्र पर वित्तीय निर्भरता।
3️⃣ राज्यपाल की भूमिका – केंद्र-राज्य विवादों में राज्यपाल की भूमिका।
4️⃣ अलगाववादी प्रवृत्तियाँ – जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों में अस्थिरता।
5️⃣ ध्रुवीकरण और क्षेत्रीय असमानता – कुछ राज्यों का अधिक विकास, कुछ का पिछड़ापन।

🔍 निष्कर्ष

📌 भारतीय संघवाद पारंपरिक संघवाद से अलग है क्योंकि यह केंद्र को अधिक शक्तियाँ देता है।
📌 यह सहकारी संघवाद” (Cooperative Federalism) की अवधारणा को बढ़ावा देता है, जहाँ केंद्र और राज्य एक साथ कार्य करते हैं।
📌 केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय और वित्तीय संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।

 UPSC में संभावित प्रश्न:

1️⃣ भारतीय संघवाद की प्रकृति और विशेषताओं का वर्णन करें।”
2️⃣ भारतीय संघवाद की चुनौतियों पर चर्चा करें।”
3️⃣ संविधान में संघवाद और एकात्मकता के तत्वों का तुलनात्मक अध्ययन करें।” 🚀

FAQ

1. संघवाद (Federalism) क्या है?

➤ संघवाद एक ऐसी शासन प्रणाली है जिसमें शक्ति का विभाजन केंद्र और राज्यों के बीच किया जाता है। भारत में यह प्रणाली संविधान के तहत निर्धारित है।

2. भारतीय संविधान में संघवाद (Federalism) से जुड़े प्रावधान कहाँ दिए गए हैं?

➤ संघवाद से संबंधित प्रावधान भाग-11 (Part XI) और भाग-12 (Part XII) में दिए गए हैं, जो अनुच्छेद 245 से 263 तक फैले हुए हैं।

3. भारत में संघीय ढांचा किस प्रकार का है?

➤ भारत “सहमति आधारित संघ” (Cooperative Federalism) और “संघीय संरचना के साथ एकात्मक झुकाव” (Quasi-Federal System) अपनाता है।

4. भारत को “संघीय” (Federal) क्यों कहा जाता है?

➤ भारतीय संविधान के अनुसार:

  • राज्यों के पास अलग से संप्रभुता नहीं है।

  • संविधान केंद्र और राज्यों के अधिकार स्पष्ट रूप से बांटता है।

  • राज्यों के पास संविधान बदलने का अधिकार नहीं है।

5. भारत में संघीय व्यवस्था की विशेषताएँ क्या हैं?

  1. दो स्तरों की सरकार – केंद्र और राज्य।

  2. संविधान द्वारा शक्ति का विभाजन।

  3. संविधान की सर्वोच्चता।

  4. संविधान का कठोर संशोधन (Rigid Constitution)।

  5. स्वतंत्र न्यायपालिका (Independent Judiciary)।

6. भारत और अमेरिका के संघवाद में क्या अंतर है?


| विशेषता | भारत | अमेरिका |
|———|———|
| शक्ति का स्रोत | संविधान से | संविधान से |
| संघीय/अर्ध-संघीय | अर्ध-संघीय (Quasi-Federal) | पूर्ण संघीय (Fully Federal) |
| राज्यों की स्वतंत्रता | राज्यों को अलग होने का अधिकार नहीं | राज्यों को स्वतंत्रता प्राप्त |
| संविधान संशोधन | केंद्र सरकार की भूमिका महत्वपूर्ण | सभी राज्यों की सहमति आवश्यक |

7. संविधान में शक्तियों का विभाजन कैसे किया गया है?

➤ भारतीय संविधान के तहत अनुच्छेद 246 में तीन सूचियों में शक्ति का विभाजन किया गया है:

  1. संघ सूची (Union List) – केंद्र सरकार के अधीन (97 विषय)।

  2. राज्य सूची (State List) – राज्य सरकार के अधीन (66 विषय)।

  3. समवर्ती सूची (Concurrent List) – केंद्र और राज्य दोनों के अधीन (47 विषय)।

8. यदि संघ और राज्य के बीच कोई टकराव हो तो कौन-सा कानून लागू होगा?

अनुच्छेद 254 के तहत संघीय कानून (Union Law) को प्राथमिकता दी जाती है।

9. अनुच्छेद 248 क्या कहता है?

➤ अनुच्छेद 248 के अनुसार, जो विषय किसी सूची में नहीं आते, वे केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में होंगे (Residuary Powers)।

10. क्या भारत में सच्चा संघीय ढांचा है?

➤ नहीं, भारत में “संघीय व्यवस्था में एकात्मक झुकाव” (Quasi-Federalism) है।

11. भारतीय संघवाद के प्रकार कौन-कौन से हैं?

  1. सहमति आधारित संघवाद (Cooperative Federalism) – केंद्र और राज्य आपसी सहयोग से कार्य करते हैं।

  2. प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद (Competitive Federalism) – राज्य विकास के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं।

  3. अधिनायकवादी संघवाद (Coercive Federalism) – केंद्र सरकार राज्य सरकारों पर नियंत्रण रखती है।

12. अनुच्छेद 356 क्या है?

राष्ट्रपति शासन (President’s Rule) के लिए अनुच्छेद 356 लागू होता है, जब किसी राज्य में संवैधानिक संकट उत्पन्न हो जाता है।

13. भारतीय संघवाद में वित्तीय शक्तियों का वितरण कैसे किया गया है?

➤ वित्तीय शक्तियों का विभाजन अनुच्छेद 268-293 के तहत किया गया है।

14. क्या भारत में केंद्र सरकार को अधिक शक्तियाँ प्राप्त हैं?

➤ हाँ, भारत में केंद्र सरकार को आपातकालीन प्रावधानों (Emergency Provisions) के तहत अधिक शक्तियाँ प्राप्त हैं।

15. क्या केंद्र सरकार राज्यों की सहमति के बिना राज्य की सीमाएँ बदल सकती है?

➤ हाँ, अनुच्छेद 3 के तहत संसद को राज्यों की सीमाएँ बदलने का अधिकार है।

16. अनुच्छेद 263 क्या कहता है?

➤ अनुच्छेद 263 में अंतरराज्यीय परिषद (Inter-State Council) के गठन का प्रावधान है, जो राज्यों और केंद्र के बीच विवादों को सुलझाने का कार्य करती है।

17. संघीय विवादों को कौन हल करता है?

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) को संघीय विवादों को सुलझाने का अधिकार है।

18. कौन-से आयोग भारत में वित्तीय संघवाद को नियंत्रित करते हैं?

  1. वित्त आयोग (Finance Commission) – अनुच्छेद 280

  2. नीति आयोग (NITI Aayog) – केंद्र-राज्य सहयोग को बढ़ाने के लिए।

19. भारतीय संविधान संघवाद को कैसे सुनिश्चित करता है?

  • शक्तियों का विभाजन (अनुच्छेद 246)

  • संविधान की सर्वोच्चता

  • स्वतंत्र न्यायपालिका

  • संशोधन प्रक्रिया (अनुच्छेद 368)

20. क्या भारत में संघीय शासन प्रणाली सफल रही है?

➤ हाँ, लेकिन इसमें अधिक एकात्मक झुकाव है, जिससे केंद्र सरकार की शक्ति अधिक बनी रहती है।

📌 सारांश:

संविधान का अनुच्छेद विवरण
अनुच्छेद 245-263 संघीय संरचना और शक्तियों का वितरण
अनुच्छेद 246 संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची
अनुच्छेद 248 शेष शक्ति केंद्र के पास
अनुच्छेद 263 अंतरराज्यीय परिषद का गठन
अनुच्छेद 280 वित्त आयोग
अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन

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