Foreign Travellers who visited India in hindi

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Foreign Travellers who visited India in hindi

भारत में विदेशी यात्री (Foreign Travellers in India)

भारत का इतिहास हमेशा से ही विदेशी यात्रियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। विभिन्न देशों से आए इन यात्रियों ने भारत की संस्कृति, समाज, धर्म, और राजनीति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उनके यात्रा विवरण से हमें उस समय की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक स्थिति का आभास होता है।

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प्रमुख विदेशी यात्री और उनके योगदान

1. हेरोडोटस (Herodotus)5वीं सदी ईसा पूर्व

  • पार्शियाई इतिहासकार हेरोडोटस ने भारत के बारे में कुछ लेखन किया था, हालांकि उसने भारत को सीधे नहीं देखा था। वह भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमी हिस्से (जैसे सिंध) से परिचित थे और उन्होंने सिंधु नदी के बारे में लिखा था।

2. कनिंस (Megasthenes)3rd Century BC

  • मेगस्थनीज, जो सिकंदर के साम्राज्य के समय सीलुकस निकेटर का दूत था, भारत आया था और उसने भारत के समाज, राजनीति, और संस्कृति के बारे में इंडिका नामक पुस्तक लिखी।
  • उसने चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में भी समय बिताया और भारतीय जीवन के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उसने भारतीय समाज में जातिवाद, धर्म और राजनीति के बारे में विवरण दिया।

3. फाहियान (Faxian)5वीं सदी ईस्वी

  • फाहियान एक चीनी बौद्ध भिक्षु था, जो कुमारगुप्त के शासनकाल में भारत आया। उसने बौद्ध धर्म के प्रसार और भारत में बौद्ध विहारों के बारे में जानकारी दी।
  • उसने सारनाथ और बोधगया जैसी प्रमुख बौद्ध स्थलों की यात्रा की और भारत की धार्मिक स्थिति का अवलोकन किया।

4. ह्वेन सांग (Xuanzang)7वीं सदी ईस्वी

  • ह्वेन सांग एक और चीनी बौद्ध भिक्षु था, जो हर्षवर्धन के शासनकाल में भारत आया। उसने भारत में बौद्ध धर्म के बारे में गहरी जानकारी प्राप्त की।
  • ह्वेन सांग ने नालंदा विश्वविद्यालय का दौरा किया और उसने भारतीय शिक्षा प्रणाली, संस्कृति और धर्म का बारीकी से अध्ययन किया।
  • उसकी यात्रा को लेकर लिखी गई पुस्तक, सी यात्रा, भारतीय समाज और संस्कृति के महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में मानी जाती है।

5. इब्न बतूता (Ibn Battuta)14वीं सदी ईस्वी

  • इब्न बतूता एक प्रसिद्ध मुस्लिम यात्री था, जो 14वीं सदी में भारत आया। वह सुलतान मोहम्मद बिन तुगलक के दरबार में भी रहा।
  • उसने भारत के विज्ञान, कला, संस्कृति, और धार्मिक परंपराओं का वर्णन किया। वह विशेष रूप से दिल्ली और गुजरात में अपने अनुभवों को साझा करता है।
  • इब्न बतूता ने भारत में मुसलमानों और हिंदुओं के बीच की सामाजिक स्थिति का भी विवरण दिया।

6. निकोलस काउक (Nicolas de Conti)15वीं सदी

  • निकोलस काउक एक इतालवी व्यापारी और यात्री था, जिसने भारत की यात्रा की और अपनी यात्रा के दौरान पारसी धर्म और हिंदू धर्म के बारे में लिखा।
  • उसने भारतीय संस्कृति, धर्म, और समाज का गहराई से विश्लेषण किया और अपने विवरणों में यूरोपीय समाज के दृष्टिकोण को बताया।

7. टोमस रुफस (Tomas Ruffus)16वीं सदी

  • टोमस रुफस एक पुर्तगाली यात्री था जिसने गोवा और अन्य हिस्सों का दौरा किया। उसने भारत के समाज, व्यवस्था, और धार्मिक परंपराओं का वर्णन किया।

8. फ्रांसीसी यात्री पियरे डेनियेल (Pierre Daniel)17वीं सदी

  • पियरे डेनियेल एक फ्रांसीसी यात्री था, जिसने भारत के मुगल साम्राज्य का अवलोकन किया और उनके साम्राज्य की संगठित व्यवस्था और धार्मिक नीति के बारे में लिखा।

9. विलियम हंटर (William Hunter)19वीं सदी

  • विलियम हंटर, जो एक ब्रिटिश इतिहासकार और प्रशासनिक अधिकारी थे, ने भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक बदलावों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने भारतीय समाज और ब्रिटिश साम्राज्य के संबंधों पर कई महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए।

महत्वपूर्ण योगदान

  1. संस्कृति और समाज का विश्लेषण: इन यात्रियों ने भारतीय समाज, धर्म, संस्कृति, और राजनीतिक व्यवस्था के बारे में गहरी जानकारी दी। उनकी रिपोर्टों और लिखी हुई पुस्तकों ने भारत की पुरानी संस्कृति को समझने में मदद की।
  2. धार्मिक परंपराओं का वर्णन: कई विदेशी यात्रियों ने भारतीय धर्म, विशेषकर बौद्ध धर्म, हिंदू धर्म और जैन धर्म के बारे में अपने विचार साझा किए। उन्होंने भारतीय धर्म के महत्व और उसकी जटिलताओं को विस्तार से समझा।
  3. भौगोलिक जानकारी: इन यात्रियों ने भारतीय उपमहाद्वीप के भूगोल, व्यापार मार्गों, और प्राकृतिक संसाधनों के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी दी।
  4. राजनीतिक स्थिति: उन्होंने भारतीय शासकों, उनके साम्राज्य और शासन व्यवस्था के बारे में भी जानकारी दी, जो आज भी ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष (Conclusion)

भारत में विदेशी यात्रियों का आगमन भारतीय इतिहास और संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण था। उनके द्वारा लिखित यात्रा विवरण भारतीय समाज, धर्म, राजनीति और संस्कृति को समझने का एक प्रमुख स्रोत बन गए। इन यात्रियों ने न केवल भारत की विशेषताओं को दर्ज किया, बल्कि भारतीय सभ्यता की महानता को भी प्रचारित किया। उनके विवरणों ने भारतीय इतिहासकारों और शोधकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज़ का काम किया।

भारत में विदेशी यात्री (List of Foreign Travellers in India)

भारत के इतिहास में कई विदेशी यात्री आए जिन्होंने भारतीय समाज, संस्कृति, धर्म, और राजनीति के बारे में महत्वपूर्ण विवरण प्रदान किया। उनके यात्रा विवरण भारतीय इतिहास, संस्कृति और सामाजिक संरचनाओं को समझने के लिए महत्वपूर्ण स्रोत माने जाते हैं।

यहां भारत में आने वाले कुछ प्रमुख विदेशी यात्रियों की सूची दी जा रही है:

1. हेरोडोटस (Herodotus)5वीं सदी ईसा पूर्व

  • वह एक प्राचीन यूनानी इतिहासकार था, जिसे “पार्टीस हिस्ट्री” के लिए जाना जाता है। उसने भारत के बारे में कुछ विवरण दिया था, खासकर सिंधु नदी और उसकी सभ्यता के बारे में।

2. मेगस्थनीज (Megasthenes)3rd Century BC

  • ग्रीक दूत मेगस्थनीज ने गुप्त साम्राज्य के बारे में लिखा। उसने इंडिका नामक पुस्तक में भारत के सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक जीवन का वर्णन किया।

3. फाहियान (Faxian)5वीं सदी ईस्वी

  • वह एक चीनी बौद्ध भिक्षु था जिसने भारत यात्रा की और बौद्ध धर्म के प्रसार को देखा। उसने भारत में बौद्ध विहारों, भिक्षुओं और धर्म की स्थिति पर महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ कीं।

4. ह्वेन सांग (Xuanzang)7वीं सदी ईस्वी

  • ह्वेन सांग एक चीनी बौद्ध भिक्षु था जिसने हर्षवर्धन के शासनकाल में भारत का दौरा किया। उसकी पुस्तक सी यात्रा ने भारतीय समाज, शिक्षा, धर्म और संस्कृति के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

5. इब्न बतूता (Ibn Battuta)14वीं सदी ईस्वी

  • एक प्रसिद्ध मुस्लिम यात्री जिसने दिल्ली सुलतानate के बारे में और मोहम्मद बिन तुगलक के दरबार के बारे में लिखा। उसने भारत में मुसलमानों और हिंदुओं के बीच सामाजिक और धार्मिक स्थितियों का वर्णन किया।

6. निकोलस काउक (Nicolas de Conti)15वीं सदी

  • एक इतालवी व्यापारी और यात्री जिसने भारत के व्यापार, पारसी धर्म और हिंदू धर्म पर अपने यात्रा विवरण में प्रकाश डाला।

7. टोमस रुफस (Tomas Ruffus)16वीं सदी

  • पुर्तगाली यात्री जिसने गोवा और भारत के अन्य हिस्सों का दौरा किया और समाज और धार्मिक परंपराओं के बारे में लिखा।

8. पियरे डेनियेल (Pierre Daniel)17वीं सदी

  • एक फ्रांसीसी यात्री जिसने भारत में मुग़ल साम्राज्य के बारे में लिखा और वहां की संगठित प्रशासनिक प्रणाली और धार्मिक नीति पर टिप्पणी की।

9. विलियम हंटर (William Hunter)19वीं सदी

  • एक ब्रिटिश इतिहासकार और प्रशासनिक अधिकारी जिसने भारतीय समाज, संस्कृति और ब्रिटिश साम्राज्य के बारे में गहरी जानकारी दी।

विदेशी यात्रियों का भारत में योगदान (Contributions of Foreign Travellers to India)

भारत में विदेशी यात्रियों का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण था, क्योंकि उनके विवरणों से भारतीय इतिहास, संस्कृति, धर्म, समाज और राजनीति को समझने में मदद मिली। उनके यात्रा विवरण से हमें उस समय के भारतीय समाज की संरचना, धार्मिक विश्वासों और सामाजिक जीवन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है।

1. भारतीय समाज और संस्कृति का विश्लेषण

  • विदेशी यात्रियों ने भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं को, जैसे जातिवाद, परिवार की संरचना, और परंपराओं को दर्ज किया। उदाहरण के लिए, मेगस्थनीज ने भारतीय जाति व्यवस्था का वर्णन किया, जबकि ह्वेन सांग ने भारतीय शिक्षा प्रणाली और धार्मिक स्थानों के बारे में जानकारी दी।

2. भारतीय धर्मों और धार्मिक विचारों का परिचय

  • इन यात्रियों ने भारतीय धर्म, जैसे हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, और जैन धर्म पर गहरे विचार किए। फाहियान और ह्वेन सांग ने बौद्ध धर्म के प्रभाव और नालंदा विश्वविद्यालय के महत्व को दर्ज किया, जो उस समय एक प्रमुख बौद्ध केंद्र था।

3. भारतीय राजनीति और शासन व्यवस्था का अवलोकन

  • विदेशी यात्रियों ने भारतीय राजनीति और शासन व्यवस्था पर भी टिप्पणी की। इब्न बतूता ने दिल्ली सुलतानate की राजनीतिक व्यवस्था और उसके शासकों के बारे में लिखा। मेगस्थनीज ने चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार और शासन की व्यवस्था का विवरण दिया।

4. भारतीय भूगोल और व्यापार की जानकारी

  • विदेशी यात्रियों ने भारतीय भूगोल, व्यापार मार्गों और प्राकृतिक संसाधनों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने भारत के समुद्र व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों का उल्लेख किया, जैसे इब्न बतूता ने गुजरात के व्यापारिक महत्व का वर्णन किया।

5. भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का दस्तावेजीकरण

  • विदेशी यात्रियों ने भारतीय कला, वास्तुकला और सांस्कृतिक धरोहर का विस्तृत दस्तावेजीकरण किया। ह्वेन सांग ने भारतीय बौद्ध स्थलों, जैसे बोधगया और सारनाथ के महत्व का उल्लेख किया। इब्न बतूता ने भारतीय वास्तुकला और मुग़ल किलों का वर्णन किया।

6. भारतीय शिक्षा और दर्शन का अध्ययन

  • उन्होंने भारतीय शिक्षा, विशेषकर बौद्ध और हिंदू दर्शन पर विस्तृत अध्ययन किया। ह्वेन सांग ने नालंदा विश्वविद्यालय और उसके शैक्षिक वातावरण का वर्णन किया, जो उस समय एक प्रमुख ज्ञान केंद्र था।

7. विदेशी दृष्टिकोण से भारतीय जीवन का चित्रण

  • विदेशी यात्रियों ने भारतीय जीवन को अपनी दृष्टि से चित्रित किया, जिससे हमें भारतीय समाज की विभिन्न विशेषताओं का पता चलता है। उनका वर्णन भारतीय जीवन के भव्य और विविध पहलुओं को उजागर करता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

भारत में विदेशी यात्रियों का योगदान भारतीय इतिहास और संस्कृति को समझने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उनके यात्रा विवरणों में हमें उस समय के भारतीय समाज, धर्म, राजनीति, शिक्षा, और कला के बारे में विस्तृत जानकारी मिलती है। इन यात्रियों ने भारतीय सभ्यता को पश्चिमी दुनिया के समक्ष प्रस्तुत किया और भारतीय इतिहास को एक वैश्विक दृष्टिकोण से देखने का अवसर प्रदान किया।

भारत में विदेशी यात्री UPSC PYQs

प्रश्न 1: मध्यकालीन भारत के फ़ारसी साहित्यिक स्रोत उस युग की भावना को दर्शाते हैं। टिप्पणी करें। (UPSC Mains 2020)

प्रश्न 2: भारत के इतिहास के पुनर्निर्माण में चीनी और अरब यात्रियों के वृत्तांतों के महत्व का आकलन करें। (UPSC Mains 2018)

प्रश्न 3: पुर्तगाली लेखक नुनिज़ के अनुसार, विजयनगर साम्राज्य की महिलाएँ निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में विशेषज्ञ थीं?

कुश्ती

ज्योतिष

लेखा-जोखा

भविष्य कथन

नीचे दिए गए कोड का उपयोग करके सही उत्तर चुनें। (UPSC Prelims 2021)

केवल 1, 2 और 3

केवल 1, 3 और 4

केवल 2 और 4

1, 2, 3 और 4

उत्तर: (d)

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से किस विदेशी यात्री ने भारत में हीरे और हीरे की खदानों के बारे में विस्तार से चर्चा की? (यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2018)

फ्रांकोइस बर्नियर

जीन-बैप्टिस्ट टैवर्नियर

जीन डे थेवेनोट

एबे बारथेलेमी कैरे

उत्तर: (बी)

प्रश्न 5: भारत की यात्रा करने वाले चीनी यात्री युआन च्वांग (ह्वेन त्सांग) ने उस समय भारत की सामान्य स्थितियों और संस्कृति को दर्ज किया था। इस संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है/हैं?

सड़कें और नदी मार्ग डकैती से पूरी तरह मुक्त थे।

अपराधों के लिए सजा के संबंध में, आग, पानी और जहर से होने वाली परीक्षाएं किसी व्यक्ति की निर्दोषता या अपराध का निर्धारण करने के साधन थे।

व्यापारियों को घाटों और बैरियर स्टेशनों पर शुल्क देना पड़ता था।

नीचे दिए गए कोड का उपयोग करके सही उत्तर चुनें। (यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2013)

केवल 1

केवल 2 और 3

केवल 1 और 3

1, 2 और 3

FAQ

2. मेगास्थनीज ने भारत के बारे में क्या लिखा?

2. फाह्यान की भारत यात्रा का उद्देश्य क्या था?

3. ह्वेनसांग की यात्रा क्यों महत्वपूर्ण मानी जाती है?

4. अल-बरूनी ने भारत के बारे में क्या लिखा?

5. इब्न बतूता कौन था और उसने क्या लिखा?

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