Geopolitics in Hindi
भू-राजनीति (Geopolitics)
🔷 परिचय (Introduction)
भू-राजनीति (Geopolitics) वह अध्ययन है, जिसमें यह देखा जाता है कि एक देश की भौगोलिक स्थिति, संसाधन, और राजनीतिक/सामरिक रणनीतियाँ किस प्रकार उसकी अंतर्राष्ट्रीय भूमिका, विदेश नीति और राष्ट्रीय हितों को प्रभावित करती हैं। यह अंतरराष्ट्रीय शक्ति-संतुलन और रणनीतिक गठबंधनों की समझ के लिए महत्वपूर्ण है।
📌 UPSC दृष्टिकोण: भू-राजनीति के माध्यम से भारत की विदेश नीति, पड़ोसी देशों के साथ संबंध, इंडो-पैसिफिक, चीन, अफगानिस्तान, रूस-यूक्रेन युद्ध, ईरान, खाड़ी देश, अमेरिका आदि को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है।
📚 भू-राजनीतिक दृष्टिकोण से भारत के प्रमुख क्षेत्र
- 🇮🇳 भारत की रणनीतिक स्थिति
- भारत एशिया के केंद्र में स्थित है – हिमालय और हिंद महासागर इसकी रक्षा और विस्तार दोनों के साधन हैं।
- यह सार्क, BIMSTEC, ASEAN, IOR, मध्य एशिया, अफ्रीका और इंडो-पैसिफिक क्षेत्रों से जुड़ा हुआ है।
- 🛡️ चीन और भारत
- LAC पर तनाव (डोकलाम, गलवान)
- String of Pearls बनाम SAGAR नीति
- चीन की BRI (Belt and Road Initiative) और CPEC के माध्यम से भारत की रणनीतिक घेराबंदी
- QUAD और Indo-Pacific में भारत की सक्रियता = चीन का संतुलन
- 🇵🇰 पाकिस्तान के साथ भू-राजनीति
- सीमा विवाद, आतंकवाद, कश्मीर मुद्दा
- पाकिस्तान का चीन और तुर्की के साथ सामरिक गठजोड़
- भारत की “No First Use” और Balakot स्ट्राइक रणनीति
- 🌍 अफगानिस्तान और मध्य एशिया
- अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी से सुरक्षा और व्यापारिक मार्ग पर प्रभाव
- भारत का चाबहार बंदरगाह, Zaranj-Delaram Highway
- भारत की International North-South Transport Corridor (INSTC) नीति
- 🛳️ हिंद महासागर और इंडो-पैसिफिक
- चीन की नौसैनिक घेराबंदी (String of Pearls)
- भारत की SAGAR (Security and Growth for All in the Region) नीति
- QUAD, IOR, IONS, Indo-Pacific Economic Framework (IPEF)
- 🇷🇺 रूस और यूक्रेन युद्ध – भू-राजनीतिक प्रभाव
- रूस-यूक्रेन युद्ध से ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, रक्षा आयात पर असर
- भारत का संतुलित दृष्टिकोण (Strategic Autonomy)
- पश्चिम और रूस के बीच संतुलन बनाना
- 🇺🇸 अमेरिका के साथ भू-राजनीतिक समीकरण
- भारत की Strategic Autonomy vs Strategic Alignment
- QUAD, BECA, LEMOA, COMCASA
- चीन के विरुद्ध सामरिक साझेदारी
- 🇮🇷 ईरान और खाड़ी देश
- चाबहार बंदरगाह, INSTC, कनेक्टिविटी
- भारत की ऊर्जा सुरक्षा (तेल)
- भारत-ईरान संबंध पर अमेरिका के प्रतिबंध का प्रभाव
🌐 भू-राजनीतिक रणनीतियाँ एवं अवधारणाएँ (Important Concepts)
अवधारणा | विवरण |
Heartland Theory (Halford Mackinder) | जिसे दुनिया का “भू-हृदय” नियंत्रित करता है, वह विश्व पर राज करेगा |
Rimland Theory (Nicholas Spykman) | समुद्री सीमाएँ नियंत्रित करने वाला शक्ति-संतुलन स्थापित करता है |
String of Pearls | चीन द्वारा हिंद महासागर में बंदरगाहों और ठिकानों की रणनीति |
SAGAR | भारत की समुद्री सुरक्षा नीति – “सबके लिए सुरक्षा और विकास” |
Blue Economy | समुद्री संसाधनों का सतत उपयोग – भारत के लिए रणनीतिक और आर्थिक लाभ |
📌 भारत के लिए भू-राजनीतिक महत्त्व
क्षेत्र | योगदान |
🌍 वैश्विक स्थिति | एशिया के केंद्र में, हिंद महासागर की शक्ति |
🛡️ सुरक्षा | आतंकवाद, सीमा विवाद, साइबर सुरक्षा में रणनीति |
🚢 व्यापार | वैश्विक समुद्री मार्गों तक पहुंच |
⚡ ऊर्जा | पश्चिम एशिया और रूस से आपूर्ति |
🤝 गठबंधन | QUAD, BRICS, SCO, ASEAN के साथ भागीदारी |
🚧 भारत के समक्ष भू-राजनीतिक चुनौतियाँ
- चीन की आक्रामकता
- पाकिस्तान के साथ अस्थिरता
- अफगानिस्तान में असुरक्षित भविष्य
- ईरान-अमेरिका तनाव से ऊर्जा संकट
- QUAD और रूस के बीच संतुलन बनाए रखना
✍️ UPSC उत्तर लेखन के लिए संरचना (Answer Writing Format)
प्रश्न: “भारत की विदेश नीति में भू-राजनीतिक तत्वों की भूमिका का विश्लेषण करें।”
🔹 परिचय – भू-राजनीति की परिभाषा
🔹 मुख्य भाग –
- प्रमुख क्षेत्रीय भू-राजनीतिक मुद्दे (चीन, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान, रूस)
- रणनीति: SAGAR, QUAD, चाबहार, भारत-मध्य एशिया
🔹 निष्कर्ष – भारत को सामरिक स्वायत्तता व बहुपक्षीय सहयोग बनाए रखना चाहिए
🧠 प्रश्न अभ्यास (Practice Questions)
- भारत की भू-राजनीतिक स्थिति उसके विदेश नीति निर्धारण को किस प्रकार प्रभावित करती है?
- इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत की भू-राजनीतिक रणनीति का विश्लेषण करें।
- चीन की “String of Pearls” रणनीति के विरुद्ध भारत की प्रतिक्रिया पर टिप्पणी करें।
- रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत की भू-राजनीतिक स्थिति का मूल्यांकन करें।
- भारत की SAGAR नीति और उसकी रणनीतिक प्रासंगिकता को समझाइए।
FAQ
प्रश्न 1: भू-राजनीति (Geopolitics) क्या होती है?
प्रश्न 2: भारत के भू-राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण कौन-कौन से क्षेत्र हैं?
उत्तर:
भारत के लिए निम्नलिखित क्षेत्र भू-राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं:
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हिंद-प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific)
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दक्षिण एशिया (South Asia)
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चीन के साथ LAC (Line of Actual Control)
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अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र
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ईरान-मध्य एशिया
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हिंद महासागर क्षेत्र (IOR)
प्रश्न 3: Indo-Pacific रणनीति क्या है और भारत की इसमें क्या भूमिका है?
उत्तर:
Indo-Pacific रणनीति अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत जैसे देशों द्वारा समर्थित है, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र में सुरक्षित समुद्री मार्ग, आर्थिक सहयोग और चीन के प्रभाव को संतुलित करना है।
भारत QUAD और ASEAN के साथ मिलकर इस रणनीति में अहम भूमिका निभाता है।
प्रश्न 4: चीन की Belt and Road Initiative (BRI) और भारत का विरोध क्यों?
उत्तर:
BRI चीन की एक वैश्विक इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना है।
भारत इसका विरोध करता है क्योंकि इसका एक हिस्सा (CPEC – China-Pakistan Economic Corridor) पाक-अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है, जिसे भारत अपनी संप्रभुता पर उल्लंघन मानता है।
प्रश्न 5: क्या भू-राजनीति केवल युद्ध और सुरक्षा से जुड़ी होती है?
उत्तर:
नहीं, भू-राजनीति केवल युद्ध या सैन्य मामलों तक सीमित नहीं होती। यह आर्थिक संबंधों, ऊर्जा सुरक्षा, रणनीतिक साझेदारी, तकनीकी प्रभुत्व, आपूर्ति श्रृंखला और वैश्विक संस्थानों में भागीदारी को भी शामिल करती है।
प्रश्न 6: भू-राजनीति में भारत की प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं?
उत्तर:
-
चीन के साथ सीमा विवाद
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पाकिस्तान के साथ आतंकवाद और कश्मीर मुद्दा
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अफगानिस्तान में अस्थिरता
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समुद्री सुरक्षा और हिंद महासागर में चीन की गतिविधियाँ
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ऊर्जा संसाधनों की सुरक्षा
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मल्टी-पोलर विश्व व्यवस्था में संतुलन बनाना
प्रश्न 7: क्या भारत Non-Aligned Movement (NAM) नीति पर आज भी कायम है?
उत्तर:
भारत अब पारंपरिक “गुटनिरपेक्षता (Non-Alignment)” से आगे बढ़कर “मल्टी-अलाइनमेंट (Multi-Alignment)” की नीति अपना रहा है – यानी भारत सभी शक्तियों से संवाद रखता है लेकिन अपने स्वतंत्र हितों को प्राथमिकता देता है।
प्रश्न 8: भारत की “Neighbourhood First Policy” क्या है?
उत्तर:
यह नीति भारत के पड़ोसी देशों जैसे नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार आदि के साथ सौहार्दपूर्ण और सहयोगी संबंध स्थापित करने पर ज़ोर देती है।
प्रश्न 9: भू-राजनीति में “Strategic Autonomy” का क्या अर्थ है?
उत्तर:
Strategic Autonomy का मतलब है कि भारत किसी वैश्विक शक्ति के दबाव में नहीं आकर अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार स्वतंत्र निर्णय लेता है, जैसे कि रूस-यूक्रेन युद्ध में संतुलित रुख अपनाना।
प्रश्न 10: क्या भू-राजनीति का असर आम नागरिकों पर पड़ता है?
उत्तर:
हाँ, भू-राजनीति का सीधा असर तेल-गैस की कीमतों, विदेशी निवेश, व्यापार, राष्ट्रीय सुरक्षा, रोजगार और तकनीकी विकास पर पड़ता है। वैश्विक स्तर पर लिया गया कोई भी निर्णय किसी देश की आंतरिक नीति को प्रभावित कर सकता है।