Government Policies and Interventions in hindi

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Government Policies and Interventions in hindi

भारत सरकार की नीतियाँ और हस्तक्षेप (Government Policies and Interventions)

सरकार की नीतियाँ और हस्तक्षेप किसी भी देश की सामाजिक-आर्थिक संरचना को मजबूत करने, असमानताओं को कम करने और सतत विकास को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में सरकारी नीतियाँ विभिन्न क्षेत्रों में लागू की जाती हैं, जैसे कि अर्थव्यवस्था, सामाजिक कल्याण, पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, रक्षा, और शासन व्यवस्था।

  1. सरकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता क्यों?

सरकार का हस्तक्षेप कई कारणों से आवश्यक होता है:

  1. बाजार असफलता (Market Failure): जब मुक्त बाजार लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने में विफल होता है, तब सरकारी हस्तक्षेप आवश्यक हो जाता है।
  2. सामाजिक न्याय (Social Justice): समाज में आर्थिक और सामाजिक असमानता को कम करने के लिए सरकारी नीतियाँ जरूरी होती हैं।
  3. सतत विकास (Sustainable Development): पर्यावरण संरक्षण और संसाधनों के उचित उपयोग के लिए सरकार हस्तक्षेप करती है।
  4. राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security): देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नीतियाँ बनाई जाती हैं।
  5. कल्याणकारी राज्य (Welfare State): सरकार अपने नागरिकों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
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  1. प्रमुख सरकारी नीतियाँ और कार्यक्रम

सरकार विभिन्न क्षेत्रों में नीति निर्माण और योजनाओं के माध्यम से हस्तक्षेप करती है। ये योजनाएँ मुख्य रूप से चार प्रमुख श्रेणियों में विभाजित की जा सकती हैं:

(A) आर्थिक क्षेत्र में नीतियाँ

  1. आत्मनिर्भर भारत अभियान (Aatmanirbhar Bharat Abhiyan)
    • लॉन्च: 2020
    • उद्देश्य: स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देना और विदेशी निर्भरता कम करना।
    • प्रभाव: उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना, MSME सेक्टर का विस्तार।
  2. मेक इन इंडिया (Make in India)
    • लॉन्च: 2014
    • उद्देश्य: विनिर्माण क्षेत्र में निवेश आकर्षित करना और रोजगार सृजन।
    • परिणाम: भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करना।
  3. डिजिटल इंडिया (Digital India)
    • लॉन्च: 2015
    • उद्देश्य: डिजिटल साक्षरता बढ़ाना, ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देना।
    • प्रभाव: डिजिटल भुगतान प्रणाली (UPI), डिजीलॉकर, ई-कोर्ट्स जैसी सेवाएँ।

(B) सामाजिक क्षेत्र में नीतियाँ

  1. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ (Beti Bachao, Beti Padhao – BBBP)
    • लॉन्च: 2015
    • उद्देश्य: लड़कियों की शिक्षा और अधिकारों की रक्षा करना।
    • प्रभाव: बालिका शिक्षा को बढ़ावा, लिंगानुपात में सुधार।
  2. स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission – SBM)
    • लॉन्च: 2014
    • उद्देश्य: खुले में शौच को समाप्त करना, स्वच्छता में सुधार।
    • परिणाम: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शौचालय निर्माण में वृद्धि।
  3. आयुष्मान भारत योजना (Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana – PM-JAY)
    • लॉन्च: 2018
    • उद्देश्य: गरीबों को ₹5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा प्रदान करना।
    • प्रभाव: लाखों गरीब परिवारों को मुफ्त चिकित्सा सेवाएँ मिलीं।

(C) कृषि क्षेत्र में नीतियाँ

  1. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN)
    • लॉन्च: 2019
    • उद्देश्य: किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान करना।
    • प्रभाव: प्रत्येक पात्र किसान को सालाना ₹6,000 की आर्थिक सहायता।
  2. राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM)
    • लॉन्च: 2016
    • उद्देश्य: किसानों को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपनी उपज बेचने की सुविधा देना।
    • परिणाम: कृषि बाजारों में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा में सुधार।

(D) पर्यावरण और सतत विकास नीतियाँ

  1. राष्ट्रीय कार्य योजना जलवायु परिवर्तन (NAPCC)
    • लॉन्च: 2008
    • उद्देश्य: जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए आठ मिशन।
    • परिणाम: नवीकरणीय ऊर्जा, जल संरक्षण और जैव विविधता के लिए योजनाएँ।
  2. राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम (National Afforestation Programme – NAP)
    • उद्देश्य: वनों की बहाली और हरित आवरण को बढ़ाना।
    • परिणाम: वनों की कटाई को रोकना और पर्यावरण संतुलन बनाए रखना।
  1. सरकार के हस्तक्षेप से जुड़ी चुनौतियाँ

🔴 नीतियों का सही क्रियान्वयन: योजनाएँ अक्सर कागज़ों तक ही सीमित रह जाती हैं।
🔴 भ्रष्टाचार और लीकेज: कई योजनाओं का लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक नहीं पहुँचता।
🔴 निधि की कमी: कई योजनाएँ पूरी तरह से वित्त पोषित नहीं हो पातीं।
🔴 नीतिगत समन्वय की कमी: कई बार नीतियाँ परस्पर विरोधी होती हैं।
🔴 जनभागीदारी की कमी: नागरिकों की कम भागीदारी के कारण नीतियाँ प्रभावी नहीं हो पातीं।

  1. आगे की राह (Way Forward)

नीतियों की डिजिटल ट्रैकिंग: योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों का अधिक उपयोग।
जन भागीदारी: नागरिकों को नीतियों के निर्माण और क्रियान्वयन में शामिल करना।
संस्थागत सुधार: सरकारी संस्थानों को सशक्त बनाना और पारदर्शिता बढ़ाना।
स्थानीय प्रशासन को सशक्त बनाना: पंचायत और नगरपालिकाओं को अधिक अधिकार देना।
सबूत-आधारित नीति निर्माण: डेटा और अनुसंधान के आधार पर नीतियाँ बनाना।

निष्कर्ष

सरकार की नीतियाँ और हस्तक्षेप सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक हैं। हालाँकि, इन नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए पारदर्शिता, सुशासन और जनभागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। UPSC जैसी परीक्षाओं के दृष्टिकोण से, सरकारी नीतियों के प्रभाव, उनकी चुनौतियाँ और उनका मूल्यांकन गहराई से समझना आवश्यक है।

FAQ

1. सरकारी नीति (Government Policy) क्या होती है?

सरकारी नीति एक दिशा-निर्देश होती है जो सरकार किसी विशेष क्षेत्र (जैसे शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, उद्योग) में कार्यवाही करने के लिए निर्धारित करती है। इसका उद्देश्य समाज के विकास, न्याय और समृद्धि को सुनिश्चित करना होता है।

2. सरकार हस्तक्षेप (Intervention) क्यों करती है?

उत्तर:
सरकार बाज़ार की असफलताओं को सुधारने, गरीबों और वंचित वर्गों की सहायता करने, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने और सामाजिक न्याय लागू करने के लिए हस्तक्षेप करती है।


3. कृषि क्षेत्र में सरकार का हस्तक्षेप कैसे होता है?

उत्तर:
सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), सब्सिडी, बीमा योजनाएँ (PMFBY), सिंचाई परियोजनाएँ, किसान क्रेडिट कार्ड आदि के माध्यम से हस्तक्षेप करती है ताकि किसानों को सहायता मिल सके।


4. भारत में कौन-कौन सी प्रमुख सरकारी नीतियाँ लागू हैं?

उत्तर:

  • शिक्षा नीति (NEP 2020)

  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति

  • औद्योगिक नीति

  • डिजिटल इंडिया नीति

  • स्टार्टअप इंडिया

  • आत्मनिर्भर भारत अभियान

  • मेक इन इंडिया

  • स्किल इंडिया मिशन


5. सामाजिक क्षेत्र में सरकार के हस्तक्षेप के उदाहरण क्या हैं?

उत्तर:

  • मनरेगा (रोज़गार गारंटी)

  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS)

  • आयुष्मान भारत (स्वास्थ्य योजना)

  • उज्ज्वला योजना (LPG गैस सब्सिडी)

  • पीएम आवास योजना

  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ


6. आर्थिक नीति और वित्तीय नीति में क्या अंतर है?

उत्तर:

  • आर्थिक नीति: उत्पादन, वितरण, रोजगार, आय स्तर आदि को प्रभावित करने वाली नीतियाँ।

  • वित्तीय नीति: सरकार की राजस्व और व्यय से जुड़ी नीतियाँ, जैसे कराधान और सरकारी खर्च।


7. सरकार किस तरह से महंगाई पर नियंत्रण करती है?

उत्तर:

  • मौद्रिक नीति के माध्यम से (RBI के ज़रिए ब्याज दरों में बदलाव)

  • आपूर्ति बढ़ाने की कोशिश

  • आवश्यक वस्तु अधिनियम लागू करना

  • निर्यात/आयात नीति में परिवर्तन


8. सरकार की नीतियाँ कैसे बनती हैं?

उत्तर:
नीतियाँ संसद या विधानमंडल में विधेयक के रूप में लाई जाती हैं, जहाँ बहस और संशोधन के बाद उन्हें पारित कर कानून का रूप दिया जाता है। कुछ नीतियाँ कार्यपालिका द्वारा निर्देश (executive orders) के रूप में भी लागू की जाती हैं।


9. डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया का उद्देश्य क्या है?

उत्तर:

  • डिजिटल इंडिया: सरकारी सेवाओं को डिजिटल माध्यम से आम लोगों तक पहुँचाना।

  • मेक इन इंडिया: भारत को विनिर्माण (manufacturing) का वैश्विक केंद्र बनाना।


10. सरकारी हस्तक्षेप के क्या लाभ और हानि हैं?

उत्तर:
लाभ:

  • असमानता कम होती है

  • गरीबों को सहायता मिलती है

  • सार्वजनिक कल्याण सुनिश्चित होता है

हानि:

  • अत्यधिक हस्तक्षेप से उद्यमिता पर असर

  • भ्रष्टाचार की संभावना

  • नीति कार्यान्वयन में जटिलता

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