Health Sector in India in hindi
भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र (Health Sector in India) – UPSC स्तर पर विस्तृत विश्लेषण
🔹 भूमिका (Introduction)
स्वास्थ्य किसी भी राष्ट्र की सामाजिक और आर्थिक प्रगति का महत्वपूर्ण आधार होता है। भारत का स्वास्थ्य क्षेत्र विश्व के सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों में से एक है, लेकिन इसमें कई चुनौतियाँ भी मौजूद हैं।
🔹 भारत में सार्वजनिक और निजी दोनों स्वास्थ्य प्रणालियाँ कार्यरत हैं।
🔹 राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 का उद्देश्य सभी के लिए किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना है।
🔹 भारत ने आयुष्मान भारत, मिशन इंद्रधनुष, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जैसी योजनाओं के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं।
🔹 भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र की स्थिति (Current Status of Health Sector in India)
📌 जीवन प्रत्याशा (Life Expectancy) – 70.8 वर्ष (2023 में, WHO के अनुसार)।
📌 स्वास्थ्य पर सरकारी खर्च – GDP का 2.1% (2023-24 के बजट में स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ाया गया)।
📌 डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात – 1:834 (WHO मानक: 1:1000)।
📌 चिकित्सा सुविधाओं तक पहुँच – ग्रामीण क्षेत्रों में 70% जनसंख्या रहती है, लेकिन केवल 40% स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
🔹 भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियाँ (Challenges in Health Sector in India)
1️⃣ अपर्याप्त सरकारी खर्च (Low Public Expenditure on Health)
✅ भारत में स्वास्थ्य पर सरकारी खर्च GDP का केवल 2.1% है, जो WHO के 5% मानक से काफी कम है।
✅ स्वास्थ्य सेवाओं का अधिकतर बोझ निजी क्षेत्र पर निर्भर है, जिससे गरीबों को मुश्किलें होती हैं।
2️⃣ बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी (Lack of Basic Healthcare Infrastructure)
✅ ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) की कमी।
✅ अस्पतालों में बिस्तरों की कमी, विशेष रूप से आपातकालीन स्थितियों जैसे कोविड-19 महामारी के दौरान।
✅ डॉक्टर और नर्सों की अपर्याप्त संख्या, खासकर ग्रामीण इलाकों में।
3️⃣ डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की कमी (Shortage of Healthcare Professionals)
✅ भारत में डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात WHO के मानक से कम है।
✅ अधिकांश डॉक्टर और विशेषज्ञ शहरी क्षेत्रों में केंद्रित हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी होती है।
4️⃣ गैर-संचारी रोगों (Non-Communicable Diseases – NCDs) का बढ़ता बोझ
✅ हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर, मोटापा और मानसिक बीमारियों में वृद्धि हो रही है।
✅ WHO के अनुसार, भारत में 60% मौतें गैर-संचारी रोगों के कारण होती हैं।
✅ खानपान में बदलाव, शहरीकरण और व्यायाम की कमी इसके प्रमुख कारण हैं।
5️⃣ स्वास्थ्य सेवाओं की ऊँची लागत (High Out-of-Pocket Expenditure – OOPE)
✅ भारत में 60% से अधिक स्वास्थ्य व्यय व्यक्तिगत स्तर पर खर्च होता है, जिससे गरीब और निम्न मध्यम वर्ग आर्थिक संकट में आ जाते हैं।
✅ सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजनाएँ अभी भी सभी लोगों को कवर नहीं कर पाई हैं।
6️⃣ मातृ एवं शिशु मृत्यु दर (Maternal & Infant Mortality Rate – MMR & IMR)
✅ मातृ मृत्यु दर (MMR) – 97 प्रति 1,00,000 जीवित जन्म (2020)।
✅ शिशु मृत्यु दर (IMR) – 27 प्रति 1,000 जीवित जन्म (2020)।
✅ यह दरें अभी भी कई विकसित देशों की तुलना में अधिक हैं, और विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण उच्च बनी हुई हैं।
🔹 भारत में स्वास्थ्य सुधार हेतु सरकारी योजनाएँ (Government Schemes for Health Sector in India)
📌 1. आयुष्मान भारत योजना (Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana – PMJAY)
✅ 50 करोड़ गरीब नागरिकों को ₹5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा।
✅ देशभर में 1.5 लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (HWC) स्थापित करने का लक्ष्य।
📌 2. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission – NHM)
✅ इसमें राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (NUHM) शामिल हैं।
✅ मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएँ बढ़ाना।
📌 3. मिशन इंद्रधनुष (Mission Indradhanush)
✅ बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए टीकाकरण दर को बढ़ाने के लिए यह योजना चलाई गई।
✅ 90% टीकाकरण कवरेज हासिल करने का लक्ष्य।
📌 4. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY)
✅ गर्भवती महिलाओं के लिए ₹5,000 की वित्तीय सहायता।
✅ मातृत्व और प्रसव पूर्व देखभाल को बढ़ावा देना।
📌 5. जन औषधि योजना (Pradhan Mantri Bhartiya Janaushadhi Pariyojana – PMBJP)
✅ सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए।
✅ अब तक 9000 से अधिक जन औषधि केंद्र खोले गए हैं।
🔹 स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए सुझाव (Way Forward for Health Sector in India)
✅ 1. सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यय बढ़ाना – स्वास्थ्य पर GDP का कम से कम 5% खर्च किया जाए।
✅ 2. ग्रामीण स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचा मजबूत करना – प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHCs) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHCs) की संख्या बढ़ाई जाए।
✅ 3. डॉक्टरों की संख्या में वृद्धि – मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात सुधरे।
✅ 4. गैर-संचारी रोगों की रोकथाम – लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए जागरूक किया जाए।
✅ 5. स्वास्थ्य बीमा कवरेज बढ़ाना – आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं को अधिक व्यापक बनाया जाए।
✅ 6. डिजिटल हेल्थ और टेलीमेडिसिन – सरकार को डिजिटल हेल्थ मिशन को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में दूरस्थ चिकित्सा (telemedicine) उपलब्ध हो सके।
🔹 संभावित UPSC प्रश्न (UPSC Mains & Prelims Questions on Health Sector in India)
📌 मुख्य परीक्षा (Mains Questions)
1️⃣ “भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा की स्थिति की समीक्षा कीजिए और इसे सुधारने के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा कीजिए।” (15 अंक, 250 शब्द)
2️⃣ “भारत में गैर-संचारी रोगों की बढ़ती समस्या का विश्लेषण कीजिए और इसके समाधान सुझाइए।” (10 अंक, 150 शब्द)
3️⃣ “आयुष्मान भारत योजना की उपलब्धियों और चुनौतियों का मूल्यांकन कीजिए।” (10 अंक, 150 शब्द)
FAQ
2. क्या भारत में सबको स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती हैं?
1. भारत में सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य सेवाओं में क्या अंतर है?
उत्तर:
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सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं: सरकार द्वारा संचालित होती हैं, कम लागत या निःशुल्क होती हैं।
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निजी स्वास्थ्य सेवाएं: निजी संस्थानों द्वारा चलती हैं, महंगी होती हैं लेकिन सुविधाएं तेज़ और बेहतर मानी जाती हैं।
2. क्या भारत में सबको स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती हैं?
उत्तर: भारत में स्वास्थ्य सेवाएं सभी के लिए उपलब्ध हैं, लेकिन गांवों, गरीबों और दूरदराज के क्षेत्रों में इन सेवाओं की पहुँच सीमित हो सकती है। सरकार इस अंतर को कम करने के लिए योजनाएं चला रही है।
3. आयुष्मान भारत योजना क्या है और इसका लाभ कैसे लें?
उत्तर:
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यह योजना गरीब और जरूरतमंद परिवारों को ₹5 लाख तक का सालाना स्वास्थ्य बीमा देती है।
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लाभ लेने के लिए PMJAY कार्ड बनवाना होता है।
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सरकारी अस्पतालों और योजना से जुड़े निजी अस्पतालों में इलाज निःशुल्क होता है।
4. क्या भारत में टेलीमेडिसिन सुविधा उपलब्ध है?
उत्तर: हाँ, भारत में टेलीमेडिसिन तेजी से बढ़ रही है। मरीज घर बैठे डॉक्टर से फोन, वीडियो कॉल या ऐप्स के ज़रिए परामर्श ले सकते हैं।
5. क्या भारत में स्वास्थ्य बीमा अनिवार्य है?
उत्तर: अभी यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन सरकार और IRDAI सभी नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा लेने के लिए प्रोत्साहित करती है।
6. भारत में कौन-कौन सी प्रमुख स्वास्थ्य योजनाएं हैं?
उत्तर:
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आयुष्मान भारत योजना (PMJAY)
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जन औषधि योजना
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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM)
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मिशन इंद्रधनुष (टीकाकरण योजना)
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मातृ वंदना योजना (गर्भवती महिलाओं के लिए)
7. सरकारी अस्पतालों में इलाज की गुणवत्ता कैसी होती है?
उत्तर: गुणवत्ता स्थान के अनुसार भिन्न हो सकती है। कुछ बड़े सरकारी अस्पतालों में बेहतरीन इलाज होता है, लेकिन अत्यधिक भीड़ और संसाधनों की कमी एक आम समस्या है।
8. भारत में स्वास्थ्य सेवा में सबसे बड़ी चुनौतियाँ क्या हैं?
उत्तर:
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डॉक्टरों और नर्सों की कमी
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ग्रामीण इलाकों में अस्पतालों और सुविधाओं की अनुपलब्धता
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जागरूकता की कमी
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महंगी दवाइयाँ और इलाज
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स्वास्थ्य बजट की सीमाएँ
9. क्या जन औषधि केंद्रों से दवाइयाँ भरोसेमंद होती हैं?
उत्तर: हाँ, जन औषधि केंद्रों में मिलने वाली जनरिक दवाइयाँ गुणवत्तापूर्ण होती हैं और ब्रांडेड दवाइयों के मुकाबले सस्ती होती हैं।
10. भारत में मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं कितनी उपलब्ध हैं?
उत्तर: मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। अब कई सरकारी और निजी अस्पतालों में मनोचिकित्सक और काउंसलिंग सेवाएं उपलब्ध हैं। साथ ही मन:सामाजिक हेल्पलाइन (जैसे 1800-599-0019) भी चलाई जा रही हैं।