Hunger in India in hindi
भारत में भूख (Hunger in India)
🔹 भूमिका (Introduction)
✅ भारत में भूख एक गंभीर समस्या बनी हुई है, जो कुपोषण, खाद्य असुरक्षा और गरीबी से जुड़ी है।
✅ 2023 के वैश्विक भूख सूचकांक (Global Hunger Index – GHI) में भारत 125वें स्थान (out of 136) पर रहा, जो कि गंभीर स्थिति को दर्शाता है।
✅ संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDG-2: Zero Hunger) के अनुसार, 2030 तक भूख को समाप्त करना लक्ष्य है, लेकिन भारत को इस दिशा में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
✅ भूख सिर्फ भोजन की कमी नहीं, बल्कि पोषण की गुणवत्ता, खाद्य वितरण प्रणाली और सामाजिक-आर्थिक नीतियों से भी जुड़ी होती है।
🔹 भारत में भूख की स्थिति (Hunger Situation in India)
📌 2023 में वैश्विक भूख सूचकांक (GHI) में भारत की रैंक – 125/136 (गंभीर श्रेणी)।
📌 कुपोषित लोगों की संख्या – 16% भारतीय आबादी कुपोषित।
📌 बाल कुपोषण दर – 35.5% बच्चे (5 वर्ष से कम) स्टंटेड (Growth में कमी)।
📌 बाल मृत्यु दर (Child Mortality Rate) – 3.1% बच्चों की मृत्यु 5 वर्ष की आयु से पहले होती है।
🔹 भारत में भूख के प्रकार (Types of Hunger in India)
1️⃣ तीव्र भूख (Acute Hunger)
✅ अचानक उत्पन्न होने वाली खाद्य संकट की स्थिति।
✅ उदाहरण: भूकंप, सूखा, युद्ध, या महामारी (जैसे COVID-19) के कारण भोजन की कमी।
2️⃣ क्रोनिक भूख (Chronic Hunger)
✅ लंबे समय तक पोषण की कमी के कारण शरीर का कमजोर होना।
✅ उदाहरण: गरीबी और बेरोजगारी के कारण भोजन न मिल पाना।
3️⃣ छुपी हुई भूख (Hidden Hunger)
✅ शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों (Iron, Vitamin A, Iodine, Zinc) की कमी।
✅ उदाहरण: भारत में एनीमिया (Anemia) की समस्या महिलाओं और बच्चों में अधिक।
🔹 भारत में भूख के प्रमुख कारण (Major Causes of Hunger in India)
1️⃣ गरीबी (Poverty)
✅ भारत में लगभग 22 करोड़ लोग अत्यंत गरीब हैं।
✅ गरीब लोगों को समुचित भोजन और पोषण नहीं मिल पाता।
2️⃣ खाद्य असुरक्षा (Food Insecurity)
✅ खाद्यान्न उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर है, लेकिन कुप्रबंधन, वितरण की समस्याएँ और भ्रष्टाचार के कारण गरीबों तक भोजन नहीं पहुँचता।
3️⃣ बेरोजगारी (Unemployment)
✅ CMIE रिपोर्ट (2023) के अनुसार, भारत में बेरोजगारी दर 8.2% है, जिससे लोग भोजन खरीदने में असमर्थ होते हैं।
4️⃣ कृषि संकट (Agricultural Crisis)
✅ कमज़ोर कृषि संरचना, जलवायु परिवर्तन और किसानों की खराब आर्थिक स्थिति खाद्य उत्पादन और वितरण को प्रभावित करते हैं।
5️⃣ कुपोषण (Malnutrition)
✅ केवल भोजन की उपलब्धता ही पर्याप्त नहीं, बल्कि पौष्टिक आहार का मिलना भी जरूरी है।
✅ राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5, 2022) के अनुसार:
- 35.5% बच्चे स्टंटेड (Growth में कमी)।
- 19.3% बच्चे वेस्टेड (कम वजन और कम ऊँचाई)।
6️⃣ खाद्य वितरण प्रणाली की विफलता (Failure of Food Distribution System)
✅ राशन की चोरी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में भ्रष्टाचार और वितरण में देरी से गरीबों को लाभ नहीं मिल पाता।
7️⃣ जलवायु परिवर्तन (Climate Change)
✅ सूखा, बाढ़, चक्रवात और अस्थिर मानसून खाद्य उत्पादन को प्रभावित करते हैं।
🔹 भारत में भूख और कुपोषण से निपटने के लिए सरकारी योजनाएँ (Government Schemes to Combat Hunger and Malnutrition in India)
📌 1. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA, 2013)
✅ 75% ग्रामीण और 50% शहरी आबादी को सब्सिडी वाला अनाज (₹1-₹3 प्रति किलो) उपलब्ध कराना।
✅ अन्नपूर्णा योजना और अंत्योदय अन्न योजना के तहत गरीबों को मुफ्त राशन।
📌 2. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY, 2020-2024)
✅ COVID-19 महामारी के दौरान 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन।
✅ 2024 तक इस योजना को बढ़ा दिया गया है।
📌 3. मिड-डे मील योजना (PM Poshan, 1995)
✅ विद्यालयों में बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना ताकि वे कुपोषण से बच सकें।
✅ 12 करोड़ से अधिक बच्चों को लाभ।
📌 4. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY, 2017)
✅ गर्भवती महिलाओं को ₹5000 की आर्थिक सहायता ताकि वे उचित पोषण ले सकें।
📌 5. पोषण अभियान (POSHAN Abhiyan, 2018)
✅ कुपोषण को खत्म करने के लिए बच्चों और महिलाओं पर विशेष ध्यान।
✅ लक्ष्य – 2025 तक कुपोषण दर 50% कम करना।
📌 6. एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड (ONORC, 2020)
✅ प्रवासी मजदूरों को किसी भी राज्य में राशन प्राप्त करने की सुविधा।
🔹 भारत में भूख से निपटने के लिए आगे का मार्ग (Way Forward to Eradicate Hunger in India)
✅ 1️⃣ खाद्य वितरण में पारदर्शिता – PDS में भ्रष्टाचार खत्म करना और E-Ration Card प्रणाली को मजबूत करना।
✅ 2️⃣ कृषि सुधार – किसानों को बेहतर कीमतें, जैविक खेती और नई तकनीकें उपलब्ध कराना।
✅ 3️⃣ खाद्य फोर्टिफिकेशन (Food Fortification) – आहार में Iron, Iodine, Zinc और Vitamin A जैसे पोषक तत्वों को मिलाना।
✅ 4️⃣ कुपोषण के खिलाफ जागरूकता – माताओं और बच्चों के पोषण को लेकर स्वास्थ्य अभियानों को बढ़ाना।
✅ 5️⃣ रोजगार के अवसर बढ़ाना – मनरेगा (MGNREGA) और कौशल विकास योजनाओं को प्रभावी बनाना।
🔹 संभावित UPSC प्रश्न (UPSC Mains & Prelims Questions on Hunger in India)
📌 मुख्य परीक्षा (Mains Questions)
1️⃣ “भारत में भूख और कुपोषण की समस्या को हल करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा करें।” (15 अंक, 250 शब्द)
2️⃣ “वैश्विक भूख सूचकांक (GHI) में भारत की स्थिति चिंताजनक है। इस समस्या के समाधान हेतु रणनीतियों पर चर्चा करें।” (10 अंक, 150 शब्द)
3️⃣ “PDS प्रणाली की कमियों का विश्लेषण करें और इसे प्रभावी बनाने के उपाय सुझाएँ।” (10 अंक, 150 शब्द)
📌 प्रारंभिक परीक्षा (Prelims Questions)
✅ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) किन प्रमुख विशेषताओं पर आधारित है?
✅ POSHAN अभियान और PM Poshan योजना में क्या अंतर है?
✅ वैश्विक भूख सूचकांक (GHI) को कौन प्रकाशित करता है?
🔹 निष्कर्ष (Conclusion)
📢 भारत में भूख और कुपोषण की समस्या राष्ट्रीय विकास के लिए एक बड़ी चुनौती है।
📢 यदि सरकारी योजनाएँ सही तरीके से लागू की जाएँ, तो भारत भूख मुक्त राष्ट्र बनने की दिशा में आगे बढ़ सकता है।
📢 2030 तक “Zero Hunger” के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।
FAQ
प्रश्न 1: भुखमरी क्या है?
प्रश्न 2: भारत में भुखमरी के क्या कारण हैं?
उत्तर:
-
गरीबी और बेरोजगारी
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खाद्य वितरण प्रणाली की खामियाँ
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शिक्षा और पोषण की जानकारी का अभाव
-
महिलाओं और बच्चों की उपेक्षा
-
प्राकृतिक आपदाएँ और सूखा
-
भ्रष्टाचार और खाद्य अपव्यय (Food Waste)
प्रश्न 3: वैश्विक भुखमरी सूचकांक (Global Hunger Index – GHI) क्या है?
उत्तर:
GHI एक वार्षिक रिपोर्ट है जो विभिन्न देशों में भुखमरी के स्तर को 0 (सबसे अच्छा) से 100 (सबसे खराब) तक अंक देकर रैंक करता है। इसमें 4 प्रमुख मापदंड होते हैं:
-
बाल मृत्यु दर
-
बच्चों में कुपोषण
-
बच्चों की वृद्धि रुकना (Stunting)
-
खाद्य असुरक्षा और अल्पपोषण
प्रश्न 4: भारत का GHI रैंक क्या है?
उत्तर (2023 के अनुसार):
भारत का GHI रैंक 111वां था 125 देशों में, जो दर्शाता है कि भारत में भुखमरी एक गंभीर समस्या है।
⚠️ भारत का स्कोर: 28.7 – “Serious” कैटेगरी में
प्रश्न 5: भारत में किन वर्गों को सबसे अधिक भुखमरी का सामना करना पड़ता है?
उत्तर:
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महिलाएं और गर्भवती महिलाएं
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5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे
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आदिवासी और पिछड़े समुदाय
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ग्रामीण गरीब परिवार
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झुग्गी-झोपड़ी और शहरी गरीब
प्रश्न 6: भारत सरकार भुखमरी से निपटने के लिए क्या योजनाएँ चला रही है?
उत्तर:
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राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013
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मध्याह्न भोजन योजना (Mid-Day Meal Scheme)
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आंगनवाड़ी सेवाएँ (ICDS)
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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY)
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पोषण अभियान (POSHAN Abhiyaan)
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राष्ट्रीय पोषण मिशन
प्रश्न 7: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) क्या है?
उत्तर:
यह एक कानून है जिसके तहत 75% ग्रामीण और 50% शहरी आबादी को सब्सिडी वाला अनाज (चावल, गेहूं) सस्ते दर पर (₹1–₹3 प्रति किलो) उपलब्ध कराया जाता है।
प्रश्न 8: भारत में खाद्य अपव्यय की क्या स्थिति है?
उत्तर:
भारत में प्रतिवर्ष अनुमानतः 67 मिलियन टन से अधिक खाद्य सामग्री बर्बाद होती है, जो भुखमरी को बढ़ावा देती है। शादी, होटल और मंडियों में भारी मात्रा में भोजन फेंका जाता है।
प्रश्न 9: भुखमरी का बच्चों पर क्या प्रभाव होता है?
उत्तर:
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मानसिक और शारीरिक विकास में रुकावट
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सीखने और ध्यान में कमी
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प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर
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मृत्यु का खतरा अधिक
प्रश्न 10: भुखमरी को कैसे दूर किया जा सकता है?
उत्तर:
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गरीबी उन्मूलन और रोजगार सृजन
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खाद्य वितरण प्रणाली का सशक्तिकरण
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महिलाओं का पोषण और शिक्षा
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खाद्य अपव्यय की रोकथाम
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स्थानीय स्तर पर पोषण जागरूकता अभियान
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समुदाय आधारित पोषण केंद्रों का निर्माण
प्रश्न 11: भारत में कौन-कौन से NGO और संस्थाएँ भुखमरी पर काम कर रही हैं?
उत्तर:
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अक्षय पात्र फाउंडेशन
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रॉबिन हुड आर्मी
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गूंज (Goonj)
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FEEDING INDIA (Zomato initiative)
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BHARAT EATS FOR ALL
प्रश्न 12: क्या भुखमरी केवल खाद्य की कमी से होती है?
उत्तर:
नहीं, भुखमरी सिर्फ खाद्य की उपलब्धता से नहीं जुड़ी है, यह आर्थिक पहुंच, पोषण की गुणवत्ता, सामाजिक असमानता और जागरूकता की कमी से भी होती है।