Indus Valley Civilization in hindi

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इंडस घाटी सभ्यता का उद्भव और खोज (Origin and Discovery of Indus Valley Civilization)

इंडस घाटी सभ्यता, जिसे सिंधु घाटी सभ्यता भी कहा जाता है, प्राचीन भारत की एक महान सभ्यता थी, जो लगभग 3300 ईसा पूर्व से लेकर 1300 ईसा पूर्व तक विस्तृत थी। यह सभ्यता भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमी हिस्से में स्थित थी और इसकी खोज 19वीं सदी के अंत में हुई। यह सभ्यता मुख्यतः सिंधु नदी के क्षेत्र (अब पाकिस्तान) और उसके आस-पास के क्षेत्रों में फैली हुई थी।

1. उद्भव (Origin)

  • स्थान: सिंधु घाटी सभ्यता का उद्भव आधुनिक पाकिस्तान के सिंध, पंजाब, बलूचिस्तान और भारत के पश्चिमी हिस्सों में हुआ था।
  • संस्कृति का नाम: इसे “इंडस घाटी सभ्यता” या “सिंधु घाटी सभ्यता” कहा जाता है, क्योंकि इसकी प्रमुख नदियों में से एक सिंधु नदी थी।
  • समय: यह सभ्यता लगभग 3300 ईसा पूर्व में उभरी और 1300 ईसा पूर्व तक फल-फूल रही थी।

2. खोज (Discovery)

  • आधिकारिक खोज: सिंधु घाटी सभ्यता की पहली बार खोज 1920 के दशक में हुई, जब भारतीय पुरातत्वविदों ने मोहनजोदड़ो और हड़प्पा जैसे स्थानों पर खुदाई की।
  • वर्ष 1921 में आर.डी. बनर्जी द्वारा हड़प्पा में खुदाई की गई और इसके बाद 1922 में मोहनजोदड़ो का अवशेष पाया गया। इन स्थलों पर मिली सामग्री ने इस सभ्यता के अस्तित्व की पुष्टि की।
  • अन्य महत्वपूर्ण स्थल: इसके बाद कालीबंगा, लोथल, धोलावीरा, और रंगपुर जैसे अन्य महत्वपूर्ण स्थल भी खोजे गए, जो सिंधु घाटी सभ्यता से संबंधित थे।
  • प्रमुख खोज: मोहनजोदड़ो और हड़प्पा से प्राप्त अवशेषों में स्थापत्य कला, नगरीय व्यवस्था, और विभिन्न शिल्पों का महत्वपूर्ण प्रमाण मिला, जिससे यह सिद्ध हुआ कि यह सभ्यता अत्यंत उन्नत थी।

3. सभ्यता के प्रमुख पहलू

  • नगर नियोजन: इस सभ्यता के नगरों में उत्कृष्ट नियोजन था। घरों की सड़कों से व्यवस्थित ढंग से जुड़ी हुई थीं।
  • जल निकासी और स्नान व्यवस्था: मोहनजोदड़ो में सार्वजनिक स्नानागार और जल निकासी प्रणाली की खोज हुई, जो उच्च स्तर की जल आपूर्ति और निकासी को दर्शाती है।
  • लेखन प्रणाली: इंडस घाटी सभ्यता की लेखन प्रणाली की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन इसके मुहरों पर लिखे गए संकेतों को पाया गया है, जो अभी तक पूरी तरह से समझे नहीं जा सके हैं।
  • कला और शिल्प: इस सभ्यता में मूर्तियों, बर्तन, आभूषणों और अन्य शिल्पकला का उच्च स्तर था।

इंडस घाटी सभ्यता का मानचित्र (Map of Indus Valley Civilization)

इंडस घाटी सभ्यता के क्षेत्र को दर्शाने वाला एक मानचित्र दिखाने के लिए निम्नलिखित विवरण दिया गया है:

  • मुख्य स्थल: हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, धोलावीरा, कालीबंगा, लोथल, रंगपुर, और सुरकोटड़ा प्रमुख स्थल थे।
  • नदी क्षेत्र: यह सभ्यता सिंधु, घग्गर-हकड़ा और यमुना नदियों के आसपास फैली थी।
  • भारत और पाकिस्तान: यह सभ्यता आज के पाकिस्तान, भारत के पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात क्षेत्रों में फैली हुई थी।

यह है इंडस घाटी सभ्यता का एक विस्तृत मानचित्र, जिसमें प्रमुख शहरों जैसे हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल, धोलावीरा और अन्य के स्थान दिखाए गए हैं, साथ ही सिंधु और घग्गर-हकड़ा नदियों का भी विवरण दिया गया है। यह मानचित्र सभ्यता के प्रसार को आधुनिक पाकिस्तान और भारत के पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात क्षेत्रों तक दर्शाता है।

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इंडस वैली सभ्यता के लक्षण (Features of Indus Valley Civilization)

  1. शहरी योजना (Urban Planning):
    • इंडस वैली सभ्यता में नगरों की योजना अत्यंत उन्नत थी। मोहनजोदड़ो और हड़प्पा जैसे नगरों में सड़कों का निर्माण नियमित अंतराल पर किया गया था, जो मुख्य रूप से उत्तरी-दक्षिणी और पूर्वी-पश्चिमी दिशा में होते थे।
    • हर घर में जल आपूर्ति और सीवरेज प्रणाली के लिए नालियां होती थीं।
  2. लेखन प्रणाली (Writing System):
    • हड़प्पा सभ्यता में चित्रात्मक लिपि का उपयोग किया गया था, हालांकि यह लिपि पूरी तरह से पढ़ी नहीं जा सकी है।
  3. वाणिज्य (Commerce):
    • समुद्री और स्थल मार्गों से व्यापार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। हड़प्पा लोग सुमेरियन, मेसोपोटामिया और अन्य प्राचीन सभ्यताओं के साथ व्यापार करते थे।
  4. कला और शिल्प (Art and Crafts):
    • बर्तन, धातु के सामान, आभूषण और मूर्तियां बनाना प्रमुख था। खासकर, हड़प्पा सभ्यता की कांस्य मूर्तियां प्रसिद्ध हैं, जैसे “दancing girl” और “priest-king” की मूर्तियां।
  5. कृषि और पशुपालन (Agriculture and Animal Husbandry):
    • कृषि प्रधान समाज था और सिंचाई के लिए जल प्रबंधन की उन्नत प्रणाली थी। पशुपालन भी किया जाता था, जैसे गाय, भैंस, और बकरियां।
  6. धार्मिक संरचनाएं (Religious Structures):
    • पुरातात्विक खोजों से यह संकेत मिलता है कि हड़प्पा सभ्यता में कुछ धार्मिक स्थल थे, जैसे आग्नि पूजा स्थल और सार्वजनिक स्नानागार (Great Bath).

इंडस वैली सभ्यता के पतन के कारण (Causes of Decline of Indus Valley Civilization)

  1. प्राकृतिक आपदाएं (Natural Disasters):
    • विभिन्न सिद्धांतों के अनुसार, इंडस वैली सभ्यता के पतन में प्राकृतिक आपदाएं जैसे बाढ़, सूखा और नदी के मार्ग में बदलाव कारण हो सकते हैं।
  2. जलवायु परिवर्तन (Climate Change):
    • एक और प्रमुख कारण जलवायु परिवर्तन था। वैज्ञानिकों का मानना है कि उस समय की गर्मी और वर्षा में असमानता ने कृषि को प्रभावित किया, जिससे खाद्य संकट पैदा हुआ।
  3. नदी की दिशा में बदलाव (Changes in River Course):
    • सिंधु और घग्गर-हाकरा जैसी नदियों के मार्ग में बदलाव से जलस्रोतों की कमी हुई और पानी की आपूर्ति में समस्या आई।
  4. आक्रमण (Invasion):
    • कुछ इतिहासकारों का मानना है कि आक्रमणकर्ताओं, जैसे आर्य लोगों ने इस सभ्यता को नष्ट किया। हालांकि, इस सिद्धांत के प्रमाण स्पष्ट नहीं हैं।
  5. आर्थिक पतन (Economic Decline):
    • व्यापार मार्गों में विघटन और आंतरिक संघर्षों के कारण आर्थिक संकट पैदा हुआ। यह व्यापार की गिरावट और उपभोक्ता वस्तुओं की कमी का कारण हो सकता है।
  6. आंतरिक असंतोष (Internal Strife):
    • सामाजिक और राजनीतिक असंतोष के कारण भी सभ्यता का पतन हो सकता है। यह असंतोष युद्ध और विघटन का कारण बन सकता था।
  7. अनियंत्रित शहरीकरण (Overurbanization):
    • अत्यधिक शहरीकरण और जनसंख्या वृद्धि ने संसाधनों पर दबाव डाला, जिससे सामाजिक और पर्यावरणीय संकट उत्पन्न हुआ।
Indus Valley Civilization
Indus Valley Civilization

इन कारणों से इंडस वैली सभ्यता का पतन हुआ और बाद में यह सभ्यता धीरे-धीरे लुप्त हो गई।

सिंधु घाटी सभ्यता UPSC PYQs

प्रश्न 1: भारतीय उपमहाद्वीप की प्राचीन सभ्यता मिस्र, मेसोपोटामिया और ग्रीस की सभ्यताओं से इस मायने में भिन्न थी कि इसकी संस्कृति और परंपराएँ आज तक बिना किसी व्यवधान के संरक्षित हैं। टिप्पणी करें। (UPSC मुख्य परीक्षा 2015)

प्रश्न 2: सिंधु घाटी सभ्यता की शहरी योजना और संस्कृति ने वर्तमान शहरीकरण को किस हद तक इनपुट प्रदान किए हैं? चर्चा करें। (UPSC मुख्य परीक्षा 2014)

प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा प्राचीन शहर बांधों की एक श्रृंखला बनाकर और जुड़े हुए जलाशयों में पानी पहुँचाकर जल संचयन और प्रबंधन की अपनी विस्तृत प्रणाली के लिए प्रसिद्ध है? (UPSC प्रारंभिक परीक्षा 2021)

धोलावीरा

कालीबंगन

राखीगढ़ी

रोपड़

उत्तर (a)

 

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सा हड़प्पा स्थल नहीं है? (UPSC प्रारंभिक परीक्षा 2019)

चन्हूदड़ो

कोट दीजी

सोहगौरा

देसलपुर

उत्तर: (c)

 

प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सिंधु सभ्यता के लोगों की विशेषता/विशेषताएँ दर्शाता है? (UPSC प्रारंभिक परीक्षा 2013)

उनके पास बड़े-बड़े महल और मंदिर थे।

वे पुरुष और महिला दोनों देवताओं की पूजा करते थे।

वे युद्ध में घोड़े से चलने वाले रथों का इस्तेमाल करते थे।

नीचे दिए गए कोड का उपयोग करके सही कथनों का चयन करें:

केवल 1 और 2

केवल 2

1, 2 और 3

उपर्युक्त में से कोई नहीं

उत्तर: (b)

FAQ

1. सिंधु घाटी सभ्यता क्या है?

सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) प्राचीन विश्व की सबसे पुरानी शहरी सभ्यताओं में से एक थी। यह सभ्यता लगभग 3300 ईसा पूर्व से 1750 ईसा पूर्व के बीच भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में विकसित हुई।

2. सिंधु घाटी सभ्यता को किस नाम से भी जाना जाता है?

3. सिंधु घाटी सभ्यता की खोज कब और किसने की?

1921 में दयाराम साहनी ने हड़प्पा स्थल की खोज की। 1922 में आर. डी. बनर्जी ने मोहनजोदड़ो की खोज की।

4. सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल कौन-कौन से हैं?

हड़प्पा (पाकिस्तान): अनाज भंडार और प्रशासन। मोहनजोदड़ो (पाकिस्तान): ग्रेट बाथ और व्यवस्थित नगर योजना। लोथल (गुजरात): बंदरगाह और बीड मेकिंग। कालीबंगन (राजस्थान): कृषि और अग्नि वेदी। धोलावीरा (गुजरात): जल प्रबंधन प्रणाली। राखीगढ़ी (हरियाणा): अब तक का सबसे बड़ा स्थल।

6. सिंधु घाटी सभ्यता का पतन कैसे हुआ?

सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के संभावित कारण: जलवायु परिवर्तन। सरस्वती नदी का सूखना। बाढ़ और प्राकृतिक आपदाएं। आर्यों का आगमन। व्यापार में गिरावट।

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