Parliament of India in Hindi
भारतीय संसद (Parliament of India)
📜 परिचय
भारत में संसदीय प्रणाली (Parliamentary System) को अपनाया गया है, जहाँ कार्यपालिका (Executive) विधायिका (Legislature) के प्रति उत्तरदायी होती है। भारतीय संसद संविधान के तहत सर्वोच्च विधायी संस्था है, जो कानून निर्माण और शासन के संचालन के लिए जिम्मेदार होती है।
📌 संविधान में संसद का उल्लेख –
- अनुच्छेद 79-122 संसद की संरचना, शक्तियाँ और कार्यों से संबंधित हैं।
- भाग-5 (Part-V) में संसद का वर्णन किया गया है।
📌 भारतीय संसद का मुख्य उद्देश्य:
✅ कानून निर्माण (Legislation)
✅ सरकार की जवाबदेही तय करना (Accountability)
✅ वित्तीय नियंत्रण (Financial Control)
✅ नीति निर्धारण और चर्चा (Policy Making & Discussion)
भारतीय संसद की संरचना (Structure of Parliament)
भारतीय संसद को त्रिसदनीय (Bicameral Legislature) कहा जाता है, क्योंकि इसमें तीन प्रमुख घटक होते हैं:
1️⃣ राष्ट्रपति (President) – अनुच्छेद 52
2️⃣ राज्यसभा (Council of States) – अनुच्छेद 80
3️⃣ लोकसभा (House of the People) – अनुच्छेद 81
✅ महत्वपूर्ण तथ्य:
- राष्ट्रपति संसद का एक अभिन्न अंग है, लेकिन वह न तो राज्यसभा और न ही लोकसभा का सदस्य होता है।
- राज्यसभा एक स्थायी सदन है, जो कभी भंग नहीं होती।
- लोकसभा को हर 5 साल में नए सिरे से चुना जाता है।
राष्ट्रपति और संसद (President and Parliament)
📌 संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति संसद का एक अभिन्न अंग है।
📌 संसद का कोई भी विधेयक राष्ट्रपति की स्वीकृति के बिना कानून नहीं बन सकता।
✅ राष्ट्रपति की संसद में भूमिका:
- संसद का सत्र बुलाना, स्थगित करना और भंग करना।
- लोकसभा को भंग करने का अधिकार।
- संसद द्वारा पारित विधेयकों को अपनी स्वीकृति देना।
- संयुक्त सत्र (Joint Session) बुलाना – अनुच्छेद 108।
- राज्यसभा में 12 मनोनीत सदस्यों को नियुक्त करना।
राज्यसभा (Rajya Sabha) – उच्च सदन
📌 राज्यसभा भारतीय संसद का स्थायी सदन है।
📌 अनुच्छेद 80 में राज्यसभा की संरचना और सदस्यता का उल्लेख है।
✅ राज्यसभा की विशेषताएँ:
- कुल सदस्य – 250 (संविधान में), वर्तमान संख्या – 245।
- 233 सदस्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से निर्वाचित होते हैं।
- 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामांकित किए जाते हैं।
✅ महत्वपूर्ण बिंदु:
- राज्यसभा का कार्यकाल स्थायी होता है, इसे भंग नहीं किया जा सकता।
- हर दो साल में 1/3 सदस्य सेवानिवृत्त होते हैं।
- उम्र न्यूनतम 30 वर्ष होनी चाहिए।
✅ राज्यसभा के प्रमुख पद:
- सभापति (Chairman) – भारत के उपराष्ट्रपति (अनुच्छेद 64)।
- उप-सभापति (Deputy Chairman) – राज्यसभा द्वारा चुना जाता है।
- सदन के नेता और विपक्ष के नेता।
✅ राज्यसभा की शक्तियाँ:
- सामान्य विधायी शक्ति
- केंद्र-राज्य संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका
- राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356) की मंजूरी
- अखिल भारतीय सेवाओं (All India Services) के नए संवर्ग बनाने की शक्ति (अनुच्छेद 312)
लोकसभा (Lok Sabha) – निम्न सदन
📌 लोकसभा को “जनता का सदन” कहा जाता है, क्योंकि इसके सदस्य प्रत्यक्ष चुनाव से चुने जाते हैं।
📌 अनुच्छेद 81 में लोकसभा की संरचना का उल्लेख है।
✅ लोकसभा की विशेषताएँ:
- अधिकतम सदस्य – 552 (संविधान में), वर्तमान संख्या – 543।
- 530 सीटें राज्यों के लिए, 13 केंद्र शासित प्रदेशों के लिए।
- 2 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा एंग्लो-इंडियन समुदाय से मनोनीत किए जा सकते थे (अब हटाया गया – 104वां संशोधन, 2019)।
✅ महत्वपूर्ण बिंदु:
- लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है।
- राष्ट्रपति समय से पहले लोकसभा भंग कर सकता है।
- सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु 25 वर्ष होनी चाहिए।
✅ लोकसभा के प्रमुख पद:
- लोकसभा अध्यक्ष (Speaker) – सदन का संचालन करता है।
- उपाध्यक्ष (Deputy Speaker) – अध्यक्ष की अनुपस्थिति में कार्य करता है।
- सदन के नेता (Leader of the House) – प्रधानमंत्री या कैबिनेट मंत्री।
- विपक्ष के नेता (Leader of Opposition) – सदन में सबसे बड़े विपक्षी दल का नेता।
✅ लोकसभा की शक्तियाँ:
- धन विधेयक पारित करने का विशेषाधिकार (अनुच्छेद 110)।
- सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) लाने का अधिकार।
- प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद की जवाबदेही सुनिश्चित करना।
संसद की विधायी प्रक्रिया (Legislative Procedure of Parliament)
📌 संसद में विधेयक (Bill) दो प्रकार के होते हैं:
- साधारण विधेयक (Ordinary Bill) – अनुच्छेद 107
- धन विधेयक (Money Bill) – अनुच्छेद 110
✅ विधेयक पारित होने की प्रक्रिया:
1️⃣ पहली बार सदन में पेश किया जाता है।
2️⃣ विस्तृत चर्चा के बाद दूसरी बार प्रस्तुत किया जाता है।
3️⃣ तीसरी बार मतदान के बाद सदन में पारित किया जाता है।
4️⃣ दूसरे सदन में भी यही प्रक्रिया दोहराई जाती है।
5️⃣ राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद विधेयक कानून बन जाता है।
संसद की शक्तियाँ और कार्य (Powers & Functions of Parliament)
📌 1. विधायी कार्य (Legislative Functions) – संसद कानून बनाती है।
📌 2. कार्यपालिका पर नियंत्रण (Executive Control) – सरकार संसद के प्रति उत्तरदायी होती है।
📌 3. वित्तीय नियंत्रण (Financial Powers) – संसद सरकार के बजट को नियंत्रित करती है।
📌 4. न्यायिक कार्य (Judicial Powers) – राष्ट्रपति और उच्च पदस्थ अधिकारियों को हटाने की प्रक्रिया।
📌 5. संविधान में संशोधन (Constitutional Amendments) – संसद संविधान संशोधन कर सकती है।
निष्कर्ष
📌 भारतीय संसद लोकतंत्र का स्तंभ है, जो जन प्रतिनिधियों द्वारा संचालित होती है।
📌 संविधान ने इसे व्यापक शक्तियाँ प्रदान की हैं, लेकिन न्यायपालिका द्वारा संतुलन बनाए रखा जाता है।
📌 संसद को प्रभावी बनाने के लिए सुधारों की आवश्यकता है, जैसे महिला आरक्षण, सांसदों की जवाबदेही बढ़ाना आदि।
UPSC में संभावित प्रश्न:
1️⃣ “भारतीय संसद की संरचना और शक्तियों का वर्णन करें।”
2️⃣ “राज्यसभा और लोकसभा की तुलना करें।”
3️⃣ “संसद की विधायी प्रक्रिया का विश्लेषण करें।”
FAQ
1. भारतीय संसद क्या है?
2. भारतीय संसद के कितने सदन हैं?
भारतीय संसद में दो सदन होते हैं:
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लोकसभा (House of the People) – इसे निचला सदन कहा जाता है।
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राज्यसभा (Council of States) – इसे ऊपरी सदन कहा जाता है।
3. संसद के प्रमुख कार्य क्या हैं?
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विधायी कार्य (Legislative Function) – कानून बनाना और संशोधित करना।
-
कार्यपालिका की निगरानी (Executive Control) – सरकार के कार्यों की समीक्षा करना।
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वित्तीय कार्य (Financial Control) – बजट और वित्तीय विधेयकों को पारित करना।
-
संवैधानिक संशोधन (Amendment of Constitution) – संविधान में बदलाव करना।
लोकसभा से जुड़े प्रश्न
4. लोकसभा के सदस्य कितने होते हैं?
लोकसभा में अधिकतम 552 सदस्य हो सकते हैं:
-
530 सदस्य राज्यों से चुने जाते हैं।
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20 सदस्य केंद्रशासित प्रदेशों से चुने जाते हैं।
-
2 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा एंग्लो-इंडियन समुदाय से (यदि आवश्यक हो) मनोनीत किए जा सकते हैं (लेकिन 126वें संविधान संशोधन, 2019 के बाद यह प्रावधान हटा दिया गया है)।
5. लोकसभा के सदस्यों का चुनाव कैसे होता है?
-
लोकसभा के सदस्य प्रत्यक्ष चुनाव (Direct Election) द्वारा जनता द्वारा चुने जाते हैं।
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चुनाव सामान्य बहुमत प्रणाली (First Past the Post System) के आधार पर होते हैं।
6. लोकसभा का कार्यकाल कितना होता है?
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लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
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आपातकाल (Emergency) की स्थिति में इसे अधिकतम 1 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।
7. लोकसभा अध्यक्ष (Speaker) कौन होता है?
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लोकसभा अध्यक्ष लोकसभा का प्रेसाइडिंग ऑफिसर (Presiding Officer) होता है।
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वह बहुमत दल (Ruling Party) के सदस्यों द्वारा चुना जाता है।
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अध्यक्ष सदन की कार्यवाही को नियंत्रित करता है और अनुशासन बनाए रखता है।
8. अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) क्या है?
-
यदि लोकसभा को लगता है कि सरकार ठीक से काम नहीं कर रही है, तो वे अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं।
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यदि यह प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो प्रधानमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद को इस्तीफा देना पड़ता है।
राज्यसभा से जुड़े प्रश्न
9. राज्यसभा के सदस्य कितने होते हैं?
राज्यसभा में अधिकतम 250 सदस्य हो सकते हैं:
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238 सदस्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से चुने जाते हैं।
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12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा कला, विज्ञान, साहित्य और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वालों को मनोनीत करते हैं।
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वर्तमान में राज्यसभा में 245 सदस्य हैं।
10. राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव कैसे होता है?
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राज्यसभा के सदस्य प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा नहीं बल्कि विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं।
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चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली (Proportional Representation System) और एकल संक्रमणीय मत प्रणाली (Single Transferable Vote System) के तहत होता है।
11. राज्यसभा का कार्यकाल कितना होता है?
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राज्यसभा एक स्थायी सदन (Permanent House) है, जिसे कभी भी भंग नहीं किया जाता।
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प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष होता है।
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प्रत्येक 2 वर्ष में 1/3 सदस्य सेवानिवृत्त होते हैं और नए चुने जाते हैं।
12. राज्यसभा का सभापति (Chairman) कौन होता है?
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राज्यसभा का सभापति भारत का उपराष्ट्रपति होता है।
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उपराष्ट्रपति राज्यसभा की बैठक की अध्यक्षता करता है, लेकिन केवल मत विभाजन (Tie-Breaking Vote) की स्थिति में वोट डाल सकता है।
संसद की कार्यवाही और विधेयक (Bills) से जुड़े प्रश्न
13. संसद का सत्र (Session) कितने प्रकार का होता है?
संसद के तीन सत्र होते हैं:
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बजट सत्र (Budget Session) – फरवरी से मई (सभी वित्तीय मामलों पर चर्चा)।
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मानसून सत्र (Monsoon Session) – जुलाई से सितंबर।
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शीतकालीन सत्र (Winter Session) – नवंबर से दिसंबर।
14. विधेयक (Bill) कितने प्रकार के होते हैं?
मुख्यतः तीन प्रकार के विधेयक होते हैं:
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साधारण विधेयक (Ordinary Bill) – सामान्य कानूनों के लिए।
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वित्त विधेयक (Financial Bill) और धन विधेयक (Money Bill) – सरकार के वित्तीय मामलों से संबंधित।
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संविधान संशोधन विधेयक (Constitutional Amendment Bill) – संविधान में बदलाव करने के लिए।
15. धन विधेयक (Money Bill) क्या होता है?
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धन विधेयक केवल लोकसभा में पेश किया जा सकता है।
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इसे राज्यसभा अधिकतम 14 दिन तक रोक सकती है, लेकिन इसमें कोई संशोधन नहीं कर सकती।
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राष्ट्रपति की अनुमति अनिवार्य होती है।
16. साधारण विधेयक पारित होने की प्रक्रिया क्या है?
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पहला पाठ (First Reading) – संसद में विधेयक प्रस्तुत किया जाता है।
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दूसरा पाठ (Second Reading) – विधेयक पर चर्चा और संशोधन किए जाते हैं।
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तीसरा पाठ (Third Reading) – अंतिम रूप देकर मतदान कराया जाता है।
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राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद विधेयक कानून (Act) बन जाता है।
17. संयुक्त सत्र (Joint Session) क्या होता है?
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यदि लोकसभा और राज्यसभा किसी विधेयक पर सहमत नहीं होते, तो राष्ट्रपति संयुक्त सत्र बुला सकते हैं।
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इसकी अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करते हैं।
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अब तक केवल तीन बार संयुक्त सत्र बुलाया गया है।
18. राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद क्या विधेयक कानून बन जाता है?
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हां, जब राष्ट्रपति किसी विधेयक को अपनी स्वीकृति देते हैं, तो वह कानून (Act) बन जाता है।
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राष्ट्रपति विधेयक को पुनर्विचार (Reconsideration) के लिए वापस भेज सकते हैं, लेकिन यदि संसद इसे दोबारा पारित कर देती है, तो राष्ट्रपति को इसे स्वीकृति देनी होती है।
संसद से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
19. लोकसभा और राज्यसभा में क्या अंतर है?
विशेषता | लोकसभा | राज्यसभा |
---|---|---|
सदस्य संख्या | 552 (अधिकतम) | 250 (अधिकतम) |
चुनाव | प्रत्यक्ष चुनाव | अप्रत्यक्ष चुनाव |
कार्यकाल | 5 वर्ष | स्थायी (6 वर्ष का कार्यकाल) |
प्रमुख अधिकारी | अध्यक्ष (Speaker) | सभापति (Vice President) |
20. भारतीय संसद का पहला सत्र कब आयोजित हुआ था?
भारतीय संसद का पहला सत्र 13 मई 1952 को आयोजित हुआ था।
21. राज्यसभा को क्यों “स्थायी सदन” कहा जाता है?
राज्यसभा कभी भंग नहीं होती, केवल इसके 1/3 सदस्य हर 2 साल में सेवानिवृत्त होते हैं। इसलिए इसे स्थायी सदन कहा जाता है।