poverty in hindi
गरीबी poverty: भारत में एक जटिल और बहुआयामी चुनौती
🔷 परिचय
गरीबी न केवल आर्थिक अभाव है, बल्कि यह अवसरों की कमी, सम्मान से जीने के अधिकार का हनन, और सामाजिक बहिष्करण का सूचक भी है। यह समस्या भारत जैसे विकासशील राष्ट्र के समक्ष सबसे बड़ी बाधाओं में से एक रही है। गरीबी की जड़ें ऐतिहासिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक संरचनाओं में गहराई से जमी हुई हैं।
🔸 “गरीबी का अर्थ केवल धन की कमी नहीं, बल्कि एक गरिमापूर्ण जीवन की संभावना का अभाव है।”
🔷 गरीबी की परिभाषा
✅ आर्थिक दृष्टिकोण से:
व्यक्ति की आय इतनी कम हो कि वह न्यूनतम जीवन आवश्यकताओं जैसे भोजन, वस्त्र और आवास की पूर्ति भी न कर सके।
✅ बहुआयामी दृष्टिकोण से:
स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, सामाजिक भागीदारी, गरिमा व अवसरों की कमी भी गरीबी का हिस्सा है।
🔷भारत में गरीबी के मापन के प्रमुख मानक
मानक | विवरण |
गरीबी रेखा (Poverty Line) | प्रति व्यक्ति दैनिक खपत/आय के आधार पर तय |
तेंदुलकर समिति (2009) | उपभोक्ता व्यय आधारित गरीबी मापदंड |
रंगराजन समिति (2014) | शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य आवश्यकताओं को भी शामिल किया |
बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) | संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) व NITI Aayog द्वारा जारी |
🔷 गरीबी के प्रमुख कारण
- अशिक्षा – कम साक्षरता रोजगार योग्य कौशल की कमी लाती है।
- बेरोजगारी और अधकुशलता – स्थायी आय का अभाव।
- भूमिहीनता और संसाधनों की असमानता
- जातीय, लैंगिक, क्षेत्रीय भेदभाव
- तेजी से बढ़ती जनसंख्या
- कुपोषण और स्वास्थ्य समस्याएँ
- अशक्त शासन और लक्ष्यविहीन नीतियाँ
🔷 भारत में गरीबी की स्थिति (तथ्य आधारित)
- NITI Aayog – बहुआयामी गरीबी रिपोर्ट 2023:
भारत ने 2015-16 से 2019-21 के बीच 13.5 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। - अभी भी लगभग 15% से अधिक जनसंख्या गरीब मानी जाती है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी की दर शहरी क्षेत्रों से अधिक है।
🔷 सरकारी प्रयास व योजनाएँ
🎯 लक्षित कार्यक्रम:
क्षेत्र | योजना/कार्यक्रम |
पोषण | प्रधानमंत्री पोषण योजना (मिड-डे मील), पोषण अभियान |
रोजगार | MGNREGA, PM-स्वनिधि, स्टार्टअप इंडिया |
आवास | प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) |
स्वास्थ्य | आयुष्मान भारत (PM-JAY), मिशन इंद्रधनुष |
सामाजिक सुरक्षा | जनधन योजना, उज्ज्वला योजना, सामाजिक पेंशन योजनाएँ |
✅ गरीबी उन्मूलन हेतु योजनाओं की निरंतरता, पारदर्शिता और लक्ष्य निर्धारण अनिवार्य है।
🔷 गरीबी की सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव
- सामाजिक असमानता में वृद्धि
- अपराध दर और अशांति में वृद्धि
- लोकतांत्रिक भागीदारी में कमी
- मानव संसाधन का क्षरण
- महिलाओं और बच्चों पर विषम प्रभाव
🔷 चुनौतियाँ और कमियाँ
- योजनाओं का लाभ लक्षित वर्ग तक नहीं पहुँच पाना
- डाटा की सटीकता की कमी (असंगठित क्षेत्र का प्रभाव)
- स्थानीय प्रशासन की अक्षमता और भ्रष्टाचार
- शहरी गरीबों की अनदेखी
- मूलभूत सेवाओं तक पहुँच का अभाव
🔷 समाधान और सुझाव
- मानव पूंजी में निवेश – शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास
- सामाजिक सुरक्षा का विस्तार – पेंशन, बीमा, न्यूनतम आय
- समावेशी आर्थिक विकास – MSMEs, ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा
- डिजिटल तकनीक का उपयोग – लाभार्थियों की पहचान, ट्रैकिंग
- पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त बनाना
- लैंगिक व सामाजिक न्याय आधारित योजनाओं का निर्माण
🔷 UPSC के दृष्टिकोण से संभावित प्रश्न
✅ GS Paper II/III:
- “भारत में गरीबी बहुआयामी है। समाधान भी बहुआयामी होने चाहिए।” – विवेचना करें।
- भारत में गरीबी रेखा निर्धारण की प्रक्रिया की समीक्षा करें।
- “सरकारी योजनाएँ हैं, परंतु जमीनी प्रभाव सीमित है।” – गरीबी उन्मूलन के संदर्भ में चर्चा करें।
✅ निबंध (Essay):
- “गरीबी केवल आर्थिक नहीं, मानवीय गरिमा की समस्या है।”
- “समावेशी विकास ही सच्चा गरीबी उन्मूलन है।”
- “जब तक गरीब रहेंगे, विकास अधूरा रहेगा।”
🔷 निष्कर्ष (Conclusion)
गरीबी एक बहुआयामी और प्रणालीगत चुनौती है, जिसका समाधान केवल आर्थिक संसाधनों से नहीं बल्कि सामाजिक न्याय, सुशासन और समावेशी विकास की नीति द्वारा संभव है। जब तक समाज का अंतिम व्यक्ति गरिमा से नहीं जीता, तब तक कोई भी विकास संपूर्ण नहीं कहा जा सकता।
FAQ
प्रश्न 1: गरीबी क्या है?
प्रश्न 2: भारत में गरीबी के प्रकार कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
-
आय आधारित गरीबी (Income Poverty)
-
बहुआयामी गरीबी (Multidimensional Poverty)
-
ग्रामीण गरीबी
-
शहरी गरीबी
-
सापेक्षिक गरीबी (Relative Poverty)
-
पूर्ण गरीबी (Absolute Poverty)
प्रश्न 3: भारत में गरीबी को कैसे मापा जाता है?
उत्तर:
भारत में गरीबी को मुख्य रूप से निम्नलिखित के माध्यम से मापा जाता है:
-
तेंदुलकर समिति (2009)
-
रंगराजन समिति (2014)
-
NITI Aayog द्वारा बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI)
-
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के आँकड़ों से भी गरीबी का आकलन किया जाता है।
प्रश्न 4: गरीबी रेखा (Poverty Line) क्या है?
उत्तर:
गरीबी रेखा वह आर्थिक सीमा है जिसके नीचे रहने वाले लोग गरीब माने जाते हैं। इसका निर्धारण प्रति व्यक्ति दैनिक खर्च के आधार पर किया जाता है, जिसमें भोजन, वस्त्र, आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य को शामिल किया जाता है।
प्रश्न 5: भारत में गरीबी के प्रमुख कारण क्या हैं?
उत्तर:
-
बेरोजगारी
-
जनसंख्या वृद्धि
-
अशिक्षा
-
भूमि और संसाधनों की असमानता
-
सामाजिक भेदभाव
-
स्वास्थ्य सेवाओं की कमी
-
विकास योजनाओं की विफलता
प्रश्न 6: भारत में कितने लोग गरीबी में हैं?
उत्तर (2023 के अनुसार):
NITI Aayog की रिपोर्ट के अनुसार, 2015-16 से 2019-21 के बीच भारत ने लगभग 13.5 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। फिर भी, भारत की कुल जनसंख्या में से लगभग 10–15% लोग अभी भी गरीब माने जाते हैं (मानक के अनुसार अंतर हो सकता है)।
प्रश्न 7: भारत सरकार गरीबी उन्मूलन के लिए कौन-कौन सी योजनाएँ चला रही है?
उत्तर:
-
MGNREGA (मनरेगा)
-
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY)
-
जनधन योजना
-
उज्ज्वला योजना
-
आयुष्मान भारत (PM-JAY)
-
राष्ट्रीय पोषण मिशन
-
अंत्योदय अन्न योजना (AAY)
प्रश्न 8: शहरी और ग्रामीण गरीबी में क्या अंतर है?
उत्तर:
बिंदु | ग्रामीण गरीबी | शहरी गरीबी |
---|---|---|
क्षेत्र | गाँव/कृषि प्रधान | शहर/औद्योगिक क्षेत्र |
समस्या | कृषि आय की अनिश्चितता, शिक्षा की कमी | बेरोजगारी, झुग्गी झोपड़ी, महंगाई |
सेवाओं की पहुँच | बहुत सीमित | थोड़ी बेहतर परंतु महंगी |
प्रश्न 9: गरीबी और बेरोजगारी में क्या संबंध है?
उत्तर:
बेरोजगारी के कारण व्यक्ति की आय शून्य या सीमित हो जाती है, जिससे वह अपनी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पाता और गरीबी में धकेला जाता है। दोनों एक-दूसरे को बढ़ावा देते हैं।
प्रश्न 10: गरीबी का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
-
अशिक्षा में वृद्धि
-
बाल श्रमिकों की संख्या में वृद्धि
-
कुपोषण और बीमारियाँ
-
अपराध और हिंसा
-
सामाजिक असमानता और असंतोष
प्रश्न 11: गरीबी से निपटने के लिए क्या उपाय होने चाहिए?
उत्तर:
-
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल विकास
-
रोजगार के अवसर बढ़ाना
-
सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ
-
महिलाओं और कमजोर वर्गों का सशक्तिकरण
-
सरकारी योजनाओं का पारदर्शी क्रियान्वयन
-
ग्रामीण व शहरी आधारभूत ढांचे का विकास
प्रश्न 12: क्या गरीबी केवल आर्थिक समस्या है?
उत्तर:
नहीं, गरीबी एक बहुआयामी समस्या है जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक प्रतिष्ठा, अवसरों की उपलब्धता और गरिमापूर्ण जीवन की कमी शामिल होती है। इसे केवल आय बढ़ाकर खत्म नहीं किया जा सकता।
यह एक गंभीर समस्या है जो समाज के कई लोगों को प्रभावित करती है। गरीबी के कारण लोग अपने बुनियादी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते हैं। यह स्थिति लोगों के स्वास्थ्य और शिक्षा को भी प्रभावित करती है। हमें इस समस्या के समाधान के लिए सामूहिक प्रयास करने चाहिए। क्या हमारे पास गरीबी को दूर करने के लिए कोई प्रभावी योजनाएं हैं?