Scheduled Tribes in hindi
अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribes – ST) – UPSC स्तर पर विस्तृत विश्लेषण
🔹 भूमिका (Introduction)
भारत में अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribes – ST) वे समुदाय हैं, जो ऐतिहासिक रूप से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से पिछड़े रहे हैं। ये समुदाय प्राचीन काल से अपने पारंपरिक रीति-रिवाजों, संस्कृतियों और जीवनशैली के साथ जुड़े रहे हैं और आमतौर पर दुर्गम पहाड़ी, वन क्षेत्र एवं सुदूर ग्रामीण इलाकों में निवास करते हैं।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत राष्ट्रपति द्वारा अनुसूचित जनजातियों की सूची अधिसूचित की जाती है। इन समुदायों को शिक्षा, रोजगार और राजनीति में विशेष आरक्षण और संरक्षण प्रदान किए गए हैं ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।
हालांकि, अब भी आर्थिक पिछड़ापन, शिक्षा की कमी, आजीविका के सीमित साधन, विस्थापन और आदिवासी पहचान का संकट जैसी समस्याएँ बनी हुई हैं, जिनसे निपटने के लिए सरकारी योजनाएँ और संवैधानिक उपाय लागू किए जा रहे हैं।
🔹 अनुसूचित जनजातियों की परिभाषा (Definition of Scheduled Tribes in India)
📌 भारतीय संविधान के अनुच्छेद 342 के अनुसार, अनुसूचित जनजातियों की पहचान राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और संसद के अनुमोदन के बाद इसे अधिसूचित किया जाता है।
📌 अनुसूचित जनजाति की विशेषताएँ:
- पारंपरिक, आदिवासी जीवनशैली और संस्कृति।
- मुख्यधारा की समाज से भौगोलिक और सामाजिक रूप से अलगाव।
- आजीविका का मुख्य रूप से कृषि, वनोपज और कुटीर उद्योगों पर निर्भरता।
- विशिष्ट भाषा और रीति-रिवाज।
📌 भारत में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या:
- 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में ST जनसंख्या 8.6% (लगभग 10 करोड़) है।
- मध्य प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों की सबसे अधिक आबादी है, जबकि मिज़ोरम और नागालैंड में सबसे अधिक प्रतिशत ST आबादी पाई जाती है।
🔹 अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक और कानूनी अधिकार (Constitutional and Legal Rights of Scheduled Tribes)
1️⃣ मौलिक अधिकार (Fundamental Rights)
📌 अनुच्छेद 15(4) – अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए विशेष सामाजिक और शैक्षिक प्रावधान।
📌 अनुच्छेद 16(4) – सरकारी नौकरियों में ST के लिए विशेष अवसर।
📌 अनुच्छेद 19(5) – जनजातीय क्षेत्रों में बाहरी लोगों के बसने पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान।
📌 अनुच्छेद 46 – राज्य सरकारों को SC/ST के सामाजिक और शैक्षिक विकास के लिए नीतियाँ बनाने का निर्देश।
2️⃣ राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण
📌 अनुच्छेद 330 और 332 – संसद और राज्य विधानसभाओं में ST के लिए आरक्षण।
📌 अनुच्छेद 244 – आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन के लिए विशेष प्रावधान।
📌 अनुच्छेद 275(1) – अनुसूचित जनजातियों के लिए अनुदान प्रदान करने की व्यवस्था।
3️⃣ विशेष संवैधानिक संस्थाएँ
📌 राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) – अनुच्छेद 338A के तहत अनुसूचित जनजातियों के अधिकारों की रक्षा के लिए स्थापित।
📌 पाँचवी अनुसूची – अनुसूचित क्षेत्रों का प्रशासनिक ढांचा।
📌 छठी अनुसूची – पूर्वोत्तर भारत के स्वायत्त जिला परिषदों के लिए विशेष प्रावधान।
🔹 अनुसूचित जनजातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति (Socio-Economic Status of Scheduled Tribes in India)
🔹 शिक्षा:
- ST समुदायों की साक्षरता दर 59% (राष्ट्रीय औसत 74%) है।
- जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा का बुनियादी ढाँचा कमजोर है, जिससे स्कूल ड्रॉपआउट दर अधिक है।
🔹 आर्थिक स्थिति:
- ST समुदायों में गरीबी दर 45% (राष्ट्रीय औसत 22%) है।
- अधिकांश ST जनसंख्या खेती, वन-उपज और छोटे व्यवसायों पर निर्भर है।
- औद्योगिकरण और विकास परियोजनाओं के कारण विस्थापन एक बड़ी समस्या है।
🔹 स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाएँ:
- कुपोषण और मातृ एवं शिशु मृत्यु दर की दर ST समुदायों में अधिक है।
- साफ पानी, बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित पहुंच।
- आदिवासी क्षेत्रों में कुपोषण और संक्रामक बीमारियाँ आम हैं।
🔹 अनुसूचित जनजातियों के लिए सरकारी पहल (Government Initiatives for Scheduled Tribes in India)
1️⃣ संवैधानिक और कानूनी संरक्षण
📌 अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 – SC/ST समुदायों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव रोकने के लिए।
📌 वन अधिकार अधिनियम, 2006 – आदिवासियों को वन भूमि पर अधिकार प्रदान करना।
2️⃣ शिक्षा और छात्रवृत्ति योजनाएँ
📌 एकलव्य मॉडल स्कूल योजना – जनजातीय छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए।
📌 प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति – अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए।
3️⃣ आर्थिक और सामाजिक विकास योजनाएँ
📌 प्रधानमंत्री वन धन योजना – वन उत्पाद आधारित उद्यमशीलता को बढ़ावा देना।
📌 TRIFED (Tribal Cooperative Marketing Development Federation) – आदिवासी उत्पादों के विपणन को बढ़ावा देना।
📌 विकास कार्यक्रम (PESA, 1996) – आदिवासी क्षेत्रों में स्वशासन को सुनिश्चित करना।
🔹 अनुसूचित जनजातियों की प्रमुख चुनौतियाँ (Challenges Faced by Scheduled Tribes in India)
❌ 1. विकास परियोजनाओं के कारण विस्थापन – बाँध, खनन और औद्योगिक परियोजनाओं के कारण भूमि विस्थापन।
❌ 2. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी – जनजातीय क्षेत्रों में स्कूल और अस्पतालों की कमी।
❌ 3. जल, जंगल, जमीन पर अधिकारों की लड़ाई – वन अधिकारों की अवहेलना और भूमि अधिग्रहण।
❌ 4. शोषण और भेदभाव – आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार और सामाजिक बहिष्कार की घटनाएँ।
❌ 5. राजनीतिक हाशिए पर होना – प्रशासनिक और राजनीतिक निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में सीमित भागीदारी।
🔹 अनुसूचित जनजातियों के उत्थान के लिए सुझाव (Way Forward for Scheduled Tribes in India)
✅ 1. शिक्षा और कौशल विकास – व्यावसायिक प्रशिक्षण और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा।
✅ 2. आर्थिक सशक्तिकरण – कुटीर उद्योगों, कृषि और वन-उत्पाद आधारित व्यवसायों को बढ़ावा देना।
✅ 3. भूमि और वन अधिकारों की रक्षा – वन अधिकार अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन।
✅ 4. स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार – आदिवासी क्षेत्रों में मोबाइल हेल्थ क्लीनिक और आंगनवाड़ी केंद्र।
✅ 5. राजनीतिक सशक्तिकरण – जनजातीय नेताओं और युवाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना।
🔹 संभावित UPSC प्रश्न (UPSC Mains & Prelims Questions on Scheduled Tribes in India)
📌 मुख्य परीक्षा (Mains)
1️⃣ “भारत में अनुसूचित जनजातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन कीजिए।” (15 अंक, 250 शब्द)
2️⃣ “वन अधिकार अधिनियम, 2006 की प्रभावशीलता पर चर्चा कीजिए।” (10 अंक, 150 शब्द)
FAQ
प्रश्न 1: अनुसूचित जनजाति (ST) क्या होती है?
प्रश्न 2: ST समुदाय को संविधान में कौन-कौन से अधिकार दिए गए हैं?
उत्तर: ST समुदाय को विशेष सुरक्षा और अधिकार दिए गए हैं:
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अनुच्छेद 15(4) और 16(4): शिक्षा और नौकरी में आरक्षण
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अनुच्छेद 46: जनजातियों की शिक्षा और आर्थिक उन्नति को बढ़ावा
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अनुच्छेद 244: अनुसूचित क्षेत्रों का प्रशासन (5वीं अनुसूची)
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अनुच्छेद 275: जनजातीय क्षेत्रों के लिए केंद्र से अनुदान
प्रश्न 3: ST समुदाय को कौन-कौन सी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है?
उत्तर: प्रमुख योजनाएँ:
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वनबंधु कल्याण योजना
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ट्राइफेड (TRIFED) – जनजातीय उत्पादों का व्यापार
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प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति
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राष्ट्रीय आदिवासी छात्रावास योजना
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ई-गवर्नेंस आधारित वनाधिकार पोर्टल
प्रश्न 4: अनुसूचित जनजातियों को कितना आरक्षण मिलता है?
उत्तर: केंद्र और राज्य सरकार की नौकरियों, शिक्षण संस्थानों और विधानसभाओं में 7.5% आरक्षण निर्धारित है (राज्य अनुसार भिन्नता हो सकती है)।
प्रश्न 5: अनुसूचित जनजातियों की सूची में कौन-कौन से समुदाय आते हैं?
उत्तर: भारत सरकार ने प्रत्येक राज्य के लिए ST की अलग-अलग सूची अधिसूचित की है। इसमें जैसे:
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मध्य प्रदेश: भील, गोंड, कोरकू
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झारखंड: संथाल, हो, मुंडा, ओरांव
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ओडिशा: बोंडा, साउरा, खड़िया पूरी सूची आप जनजातीय कार्य मंत्रालय की वेबसाइट से देख सकते हैं।
प्रश्न 6: ST प्रमाण पत्र (Caste Certificate) कैसे बनवाएं?
उत्तर: ST प्रमाण पत्र के लिए आपको अपने क्षेत्र के तहसील कार्यालय या राज्य सरकार की वेबसाइट पर आवेदन करना होता है। आवश्यक दस्तावेज़:
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आधार कार्ड
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जन्म प्रमाण पत्र
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निवास प्रमाण पत्र
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माता-पिता का जाति प्रमाण पत्र
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पासपोर्ट फोटो
प्रश्न 7: क्या अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ भेदभाव को रोकने के लिए कोई कानून है?
उत्तर: हां, SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 के अंतर्गत अनुसूचित जनजातियों के साथ किसी भी प्रकार के भेदभाव, हिंसा या अपमानजनक व्यवहार को दंडनीय अपराध माना गया है।
प्रश्न 8: क्या एक राज्य में मान्य ST प्रमाण पत्र दूसरे राज्य में मान्य होगा?
उत्तर: नहीं। ST दर्जा राज्य-विशिष्ट होता है। एक राज्य की ST जाति दूसरे राज्य में ST नहीं मानी जा सकती, जब तक वह वहां अधिसूचित न हो।
प्रश्न 9: क्या जनजातीय छात्रों के लिए विशेष शिक्षा संस्थान हैं?
उत्तर: हां, भारत सरकार ने जनजातीय छात्रों के लिए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (EMRS) की शुरुआत की है, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं।