Significant provisions of indian constitution in hindi
भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण प्रावधान | Significant Provisions of Indian Constitution
भारतीय संविधान दुनिया का सबसे विस्तृत और समावेशी संविधान है, जिसमें विभिन्न सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखा गया है। यह संविधान भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित करता है। UPSC की दृष्टि से, संविधान के कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान निम्नलिखित हैं:
- प्रस्तावना (Preamble)
संविधान की प्रस्तावना इसकी आत्मा मानी जाती है, जो भारत की मौलिक संरचना और उद्देश्यों को परिभाषित करती है। इसमें भारत को संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया है और न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता के मूल्यों को सुनिश्चित करने की बात कही गई है।
- मूल अधिकार (Fundamental Rights) – अनुच्छेद 12-35
संविधान नागरिकों को छह प्रकार के मौलिक अधिकार प्रदान करता है:
- समानता का अधिकार (Right to Equality) – अनुच्छेद 14-18
- स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom) – अनुच्छेद 19-22
- शोषण के विरुद्ध अधिकार (Right against Exploitation) – अनुच्छेद 23-24
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom of Religion) – अनुच्छेद 25-28
- संस्कृति और शिक्षा का अधिकार (Cultural & Educational Rights) – अनुच्छेद 29-30
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार (Right to Constitutional Remedies) – अनुच्छेद 32
आर्टिकल 32 को संविधान की आत्मा कहा गया है, जो नागरिकों को मौलिक अधिकारों के उल्लंघन पर न्यायालय का सहारा लेने का अधिकार देता है।
- राज्य के नीति निर्देशक तत्व (DPSP) – अनुच्छेद 36-51
ये प्रावधान सरकार को सामाजिक और आर्थिक न्याय को बढ़ावा देने हेतु मार्गदर्शन देते हैं। यह आयरलैंड के संविधान से प्रेरित हैं। प्रमुख तत्व:
- गांधीवादी सिद्धांत – ग्राम पंचायतों की स्थापना (अनु. 40), शराब निषेध (अनु. 47)
- सामाजिक और आर्थिक सिद्धांत – समान वेतन (अनु. 39), स्वास्थ्य सुरक्षा (अनु. 42)
- अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा – (अनु. 51)
हालांकि, ये अधिकार न्यायोचित (Justiciable) नहीं होते, लेकिन सरकार के नीति निर्माण में इनका महत्त्वपूर्ण योगदान रहता है।
- मौलिक कर्तव्य (Fundamental Duties) – अनुच्छेद 51A
1976 में 42वें संविधान संशोधन द्वारा 10 मौलिक कर्तव्यों को जोड़ा गया था, जो बाद में 86वें संशोधन द्वारा 11 हो गए। ये नागरिकों को राष्ट्रहित में कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं, जैसे संविधान का पालन करना, राष्ट्रीय ध्वज और गान का सम्मान करना, वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना आदि।
- संघ और उसका क्षेत्र (Union and its Territory) – अनुच्छेद 1-4
- भारत को “राज्यों का संघ” कहा गया है।
- संसद को नए राज्य बनाने या सीमाओं में परिवर्तन करने का अधिकार (अनु. 3) प्राप्त है।
- जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाकर अनुच्छेद 370 समाप्त कर दिया गया (2019)।
- केंद्र-राज्य संबंध (Centre-State Relations) – अनुच्छेद 245-263
- विधायी संबंध (Legislative Relations) – अनु. 245-255 (संविधान में संघ सूची, राज्य सूची, समवर्ती सूची का प्रावधान)
- कार्यकारी संबंध (Executive Relations) – अनु. 256-263
- वित्तीय संबंध (Financial Relations) – अनु. 268-293
- आपातकालीन प्रावधान (Emergency Provisions) – अनुच्छेद 352-360
संविधान में तीन प्रकार के आपातकाल का प्रावधान किया गया है:
- राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) – अनु. 352
- राज्य आपातकाल (President’s Rule) – अनु. 356
- वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency) – अनु. 360
इन आपात स्थितियों में मौलिक अधिकारों का निलंबन, केंद्र की शक्ति में वृद्धि, और संवैधानिक तंत्र का पुनर्गठन किया जाता है।
- संवैधानिक संशोधन (Constitutional Amendments) – अनुच्छेद 368
संविधान में संशोधन तीन प्रकार से किए जा सकते हैं:
- साधारण बहुमत से संशोधन
- विशेष बहुमत से संशोधन
- विशेष बहुमत एवं राज्यों की सहमति से संशोधन
अब तक 100+ संशोधन किए जा चुके हैं, जिनमें महत्वपूर्ण संशोधन हैं:
- 42वां संशोधन (1976) – समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता जोड़ा गया।
- 44वां संशोधन (1978) – मौलिक अधिकारों की सुरक्षा बढ़ाई।
- 73वां और 74वां संशोधन (1992) – पंचायती राज एवं नगरपालिकाओं को संवैधानिक दर्जा।
- 97वां संशोधन (2011) – सहकारी समितियों का अधिकार।
- 103वां संशोधन (2019) – आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 10% आरक्षण।
- निर्वाचन प्रणाली और स्वतंत्र निर्वाचन आयोग (Election System & EC) – अनुच्छेद 324-329
संविधान ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग (ECI) की स्थापना की।
- लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभाओं के चुनावों का संचालन।
- अनुच्छेद 326 के तहत सर्वसाधारण वयस्क मताधिकार (Universal Adult Franchise) का प्रावधान।
- न्यायपालिका की स्वतंत्रता (Independence of Judiciary) – अनुच्छेद 124-147
भारत में एकीकृत न्यायिक प्रणाली लागू है।
- सर्वोच्च न्यायालय (SC) – अनुच्छेद 124
- उच्च न्यायालय (HC) – अनुच्छेद 214
- न्यायिक पुनरावलोकन (Judicial Review) की शक्ति
- PIL (लोकहित याचिका) और Writs का अधिकार (अनु. 32 और 226)
- पंचायती राज और नगरपालिका (Panchayati Raj & Municipalities) – अनुच्छेद 243-243Z
73वें और 74वें संशोधन के तहत तीन-स्तरीय शासन व्यवस्था लागू की गई:
- ग्राम पंचायत
- पंचायत समिति
- जिला परिषद
नगरपालिकाओं के लिए महानगरपालिका, नगर परिषद, नगर पंचायत का गठन किया गया।
निष्कर्ष (Conclusion)
भारतीय संविधान एक गतिशील, लचीला और विस्तृत दस्तावेज है, जो देश को एक सुदृढ़ लोकतांत्रिक प्रणाली प्रदान करता है। यह मौलिक अधिकारों, नीति निर्देशक तत्वों, न्यायपालिका की स्वतंत्रता और संघीय ढांचे का संतुलन बनाए रखता है। समय-समय पर संशोधनों द्वारा इसे अधिक प्रभावी और समावेशी बनाया गया है, जिससे यह वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा कर सके।
UPSC परीक्षा में संविधान के प्रावधानों की गहन समझ अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह भारतीय शासन व्यवस्था की नींव है।
FAQ
1. भारतीय संविधान का सबसे महत्वपूर्ण प्रावधान क्या है?
2. संविधान में मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) कितने हैं और क्या हैं?
➤ भारतीय संविधान में 6 मौलिक अधिकार हैं:
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समानता का अधिकार (Right to Equality) – अनुच्छेद 14-18
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स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom) – अनुच्छेद 19-22
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शोषण के विरुद्ध अधिकार (Right Against Exploitation) – अनुच्छेद 23-24
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धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom of Religion) – अनुच्छेद 25-28
-
संस्कृति और शिक्षा का अधिकार (Cultural & Educational Rights) – अनुच्छेद 29-30
-
संवैधानिक उपचार का अधिकार (Right to Constitutional Remedies) – अनुच्छेद 32
3. संविधान में मौलिक कर्तव्य (Fundamental Duties) कौन से हैं?
➤ भारतीय नागरिकों के 11 मौलिक कर्तव्य हैं, जिन्हें 42वें संविधान संशोधन (1976) द्वारा जोड़ा गया था। ये अनुच्छेद 51A के अंतर्गत आते हैं।
4. संविधान में नीति निदेशक तत्व (Directive Principles of State Policy – DPSP) क्या हैं?
➤ अनुच्छेद 36-51 में नीति निदेशक तत्व दिए गए हैं, जो सरकार को सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए दिशा-निर्देश देते हैं। इन्हें आयरलैंड के संविधान से लिया गया है।
5. राष्ट्रपति की शक्तियां और भूमिका क्या है?
➤ भारतीय संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख होते हैं। उनके पास कार्यकारी, विधायी, न्यायिक और आपातकालीन शक्तियां होती हैं।
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अनुच्छेद 52-78 राष्ट्रपति के अधिकारों से संबंधित हैं।
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अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को क्षमादान (Pardon) देने का अधिकार देता है।
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अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं।
6. प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद की क्या भूमिका है?
➤ प्रधानमंत्री भारत सरकार के वास्तविक प्रमुख होते हैं और मंत्रिपरिषद के प्रमुख होते हैं। अनुच्छेद 74-75 प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद की शक्तियों और कार्यों को परिभाषित करते हैं।
7. संविधान में आपातकालीन प्रावधान क्या हैं?
➤ भारतीय संविधान के तीन प्रकार के आपातकाल होते हैं:
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राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) – अनुच्छेद 352
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राज्य आपातकाल (President’s Rule) – अनुच्छेद 356
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वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency) – अनुच्छेद 360
8. भारतीय संविधान में न्यायपालिका की क्या भूमिका है?
➤ भारतीय संविधान में न्यायपालिका को स्वतंत्र बनाया गया है।
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अनुच्छेद 124-147 में सुप्रीम कोर्ट के अधिकार दिए गए हैं।
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अनुच्छेद 214-237 में हाई कोर्ट और अन्य न्यायालयों का उल्लेख है।
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अनुच्छेद 32 में नागरिकों को मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में जाने का अधिकार दिया गया है।
9. संविधान में संघीय व्यवस्था (Federal System) कैसे दी गई है?
➤ भारतीय संविधान संघीय और एकात्मक दोनों विशेषताओं को समाहित करता है।
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अनुच्छेद 246 तीन सूचियों (संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची) को परिभाषित करता है।
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अनुच्छेद 1 भारत को “राज्यों का संघ” घोषित करता है।
10. संविधान में पंचायती राज व्यवस्था का क्या प्रावधान है?
➤ 73वें संविधान संशोधन (1992) के तहत अनुच्छेद 243-243O में पंचायती राज प्रणाली लागू की गई।
11. केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन कैसे होता है?
➤ अनुच्छेद 246 के अनुसार, संविधान में तीन सूचियां बनाई गई हैं:
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संघ सूची (Union List) – केवल केंद्र सरकार कानून बना सकती है।
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राज्य सूची (State List) – केवल राज्य सरकार कानून बना सकती है।
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समवर्ती सूची (Concurrent List) – केंद्र और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं।
12. भारतीय संविधान में भाषाओं से संबंधित क्या प्रावधान हैं?
➤ अनुच्छेद 343-351 तक भाषा संबंधी प्रावधान हैं।
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हिंदी और अंग्रेजी आधिकारिक भाषाएं हैं।
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संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाएं शामिल हैं।
13. संविधान संशोधन (Constitutional Amendments) कैसे होते हैं?
➤ संविधान संशोधन अनुच्छेद 368 के तहत किया जाता है।
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सरल बहुमत से संशोधन
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विशेष बहुमत से संशोधन
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राज्यों की सहमति से संशोधन
14. किस संविधान संशोधन के तहत मतदान की आयु घटाई गई थी?
➤ 61वें संविधान संशोधन (1988) द्वारा मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई।
15. सामाजिक न्याय और समानता के लिए संविधान में कौन-कौन से प्रावधान हैं?
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अनुच्छेद 15(4) और 16(4) – पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण।
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अनुच्छेद 39A – गरीबों को निःशुल्क कानूनी सहायता।
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अनुच्छेद 46 – अनुसूचित जातियों और जनजातियों का संरक्षण।
16. आरक्षण से संबंधित महत्वपूर्ण प्रावधान क्या हैं?
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अनुच्छेद 15(4) और 16(4) – अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण।
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अनुच्छेद 330 और 332 – लोकसभा और विधानसभा में अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए आरक्षण।
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अनुच्छेद 335 – अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए सरकारी नौकरियों में अवसर।
17. भारतीय संविधान में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) का क्या प्रावधान है?
➤ अनुच्छेद 44 में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की बात कही गई है, लेकिन इसे अब तक लागू नहीं किया गया है।
18. संविधान में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए क्या प्रावधान हैं?
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अनुच्छेद 324-329 – चुनाव आयोग और चुनाव प्रक्रिया।
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अनुच्छेद 326 – सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार।
19. भारतीय संविधान में नागरिकता (Citizenship) से जुड़े प्रावधान कौन से हैं?
➤ अनुच्छेद 5-11 भारतीय नागरिकता से संबंधित हैं।
20. प्रस्तावना (Preamble) का क्या महत्व है?
➤ प्रस्तावना भारतीय संविधान के मूल उद्देश्य को बताती है और इसमें संप्रभुता, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र और गणराज्य के सिद्धांत निहित हैं।