Union and Its Territory in Hindi
संघ और उसका राज्यक्षेत्र | Union and its Territory
परिचय
भारतीय संविधान का भाग-1 (Part-1) “संघ और उसका राज्यक्षेत्र” से संबंधित है। इसमें यह निर्धारित किया गया है कि भारत का क्षेत्र किस प्रकार गठित होगा, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का प्रबंधन कैसे होगा और नए राज्यों के गठन व सीमाओं में परिवर्तन की प्रक्रिया क्या होगी।
📌 संविधान के अनुच्छेद 1 से 4 तक इस विषय को स्पष्ट रूप से परिभाषित करते हैं।
🔹 अनुच्छेद 1: भारत का नाम और क्षेत्र
संविधान का अनुच्छेद 1 कहता है:
- भारत, अर्थात इंडिया, राज्यों का एक संघ (Union of States) होगा।
- भारत का क्षेत्र निम्नलिखित भागों से मिलकर बनेगा:
- राज्यों का क्षेत्र।
- केंद्रशासित प्रदेशों का क्षेत्र।
- वे क्षेत्र जो भारत सरकार अधिग्रहित करेगी।
📌 “संघीय ढांचा, लेकिन एकात्मक भावना”
संविधान में “संघ” (Union) शब्द का उपयोग यह दर्शाने के लिए किया गया है कि भारत का विभाजन मनमाने ढंग से नहीं किया जा सकता।
➡ डॉ. बी.आर. आंबेडकर: भारत का संघ इसलिए चुना गया ताकि राज्यों को यह स्वतंत्रता न दी जाए कि वे संघ से अलग हो सकें।
🔹 अनुच्छेद 2: नए राज्यों का प्रवेश और समावेशन
यह अनुच्छेद संसद को यह अधिकार देता है कि वह नए राज्यों को भारतीय संघ में शामिल कर सकती है।
📌 उदाहरण:
- 1975 में सिक्किम को भारतीय संघ में 22वें राज्य के रूप में शामिल किया गया था।
🔹 अनुच्छेद 3: राज्यों का पुनर्गठन और सीमाओं में परिवर्तन
यह अनुच्छेद संसद को यह शक्ति देता है कि वह:
- किसी राज्य के क्षेत्र में वृद्धि कर सकती है।
- किसी राज्य के क्षेत्र को कम कर सकती है।
- किसी राज्य की सीमाएँ बदल सकती है।
- किसी राज्य का नाम बदल सकती है।
- एक या अधिक राज्यों को मिलाकर नया राज्य बना सकती है।
📌 महत्वपूर्ण बिंदु:
- यह कार्य संसद द्वारा साधारण कानून (Simple Majority) से किया जा सकता है।
- राज्य की सहमति अनिवार्य नहीं है, लेकिन संबंधित राज्य की विधानसभा से राय (Opinion) लेना आवश्यक है।
📌 उदाहरण:
- 1956 में राज्यों का पुनर्गठन अधिनियम के तहत राज्यों का भाषा के आधार पर पुनर्गठन किया गया।
- 2014 में आंध्र प्रदेश से तेलंगाना राज्य का गठन किया गया।
🔹 अनुच्छेद 4: कानूनों में संशोधन और उनके प्रभाव
- अनुच्छेद 2 और 3 के तहत बनाए गए किसी भी कानून को संविधान संशोधन की आवश्यकता नहीं होती।
- यह साधारण बहुमत से ही पारित किया जा सकता है।
📌 महत्व:
- यह भारत के लचीले संवैधानिक ढांचे को दर्शाता है।
- राज्यों की सीमाओं में बदलाव करना आसान बनाता है।
🔹 भारतीय संघ का वर्तमान स्वरूप (2024 तक)
वर्तमान में भारत में 28 राज्य और 8 केंद्रशासित प्रदेश हैं।
राज्यों की संख्या | 28 |
केंद्रशासित प्रदेश | 8 |
📌 2019 में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत:
- जम्मू और कश्मीर का राज्य का दर्जा समाप्त हुआ।
- इसे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किया गया।
🔹 भारत में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का विकास
1️⃣ 1956: राज्यों का पुनर्गठन अधिनियम
- इसे फजल अली आयोग की सिफारिशों पर लागू किया गया।
- भारत में भाषा के आधार पर राज्यों का गठन किया गया।
- राज्यों की संख्या 14 और केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या 6 हुई।
📌 महत्व: यह भारत के प्रशासनिक ढांचे का सबसे बड़ा सुधार था।
2️⃣ 2000: तीन नए राज्यों का गठन
- उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड
- मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़
- बिहार से झारखंड
📌 महत्व: यह गठन भौगोलिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक दक्षता के आधार पर किया गया।
3️⃣ 2014: तेलंगाना राज्य का गठन
- आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना बना।
- यह भारत का 29वां राज्य बना (बाद में पुनर्गठन के कारण अब 28 राज्य)।
📌 महत्व: पहली बार किसी राज्य को राजनीतिक और प्रशासनिक कारणों से अलग किया गया।
🔹 केंद्रशासित प्रदेश (Union Territories) का प्रशासन
- पहले केंद्रशासित प्रदेशों को राष्ट्रपति के प्रतिनिधि द्वारा प्रशासित किया जाता था।
- लेकिन अब कुछ केंद्रशासित प्रदेशों को विधानसभा (जैसे दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर) दी गई है।
📌 वर्तमान में 8 केंद्रशासित प्रदेश हैं:
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
- चंडीगढ़
- दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव
- लक्षद्वीप
- दिल्ली (विधानसभा के साथ)
- पुडुचेरी (विधानसभा के साथ)
- जम्मू और कश्मीर (विधानसभा के साथ)
- लद्दाख
🔍 निष्कर्ष
भारतीय संविधान ने संघ और उसके राज्यक्षेत्र की स्पष्ट परिभाषा दी है और इसे लचीला और प्रभावी रूप से प्रबंधनीय बनाया है।
📌 संविधान का यह भाग भारत की एकता, अखंडता और विविधता को बनाए रखते हुए संघीय ढांचे को मजबूत करता है।
📌 UPSC परीक्षा में संभावित प्रश्न:
- “अनुच्छेद 3 के तहत संसद को राज्यों की सीमाओं में बदलाव करने की शक्ति कैसे प्राप्त होती है?”
- “संविधान के अनुच्छेद 1-4 का महत्व क्या है?”
- “राज्यों के पुनर्गठन में 1956 और 2014 के घटनाक्रम की तुलना करें।”
➡ “संघ और उसका राज्यक्षेत्र” भारतीय प्रशासन का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो समय-समय पर भारत की भौगोलिक संरचना को आवश्यकतानुसार ढालने में मदद करता है। 🚀
FAQ
2. भारतीय संविधान के अनुसार भारत को कैसे परिभाषित किया गया है?
➤ अनुच्छेद 1(1) के अनुसार, “भारत, अर्थात इंडिया, राज्यों का एक संघ होगा।”
3. भारत के संघीय ढांचे में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की स्थिति क्या है?
➤ भारत एक संघीय गणराज्य (Federal Republic) है, लेकिन इसमें राज्यों को अलग होने का अधिकार नहीं है।
4. वर्तमान में भारत में कितने राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं?
➤
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राज्य (States) – 28
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केंद्र शासित प्रदेश (Union Territories) – 8
5. क्या भारतीय संसद नए राज्यों का निर्माण कर सकती है?
➤ हाँ, अनुच्छेद 3 के तहत संसद नए राज्यों का निर्माण कर सकती है और राज्यों की सीमाओं में परिवर्तन कर सकती है।
6. किसी राज्य के नाम या सीमाओं को बदलने के लिए कौन-सा अनुच्छेद लागू होता है?
➤ अनुच्छेद 3 राज्यों के नाम और सीमाओं में बदलाव से संबंधित है।
7. भारत में राज्यों की संख्या शुरू में कितनी थी?
➤ 1950 में भारतीय संविधान लागू होने पर भारत में 29 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश थे। बाद में इनकी संख्या बदली।
8. अनुच्छेद 2 और अनुच्छेद 3 में क्या अंतर है?
➤
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अनुच्छेद 2 – संसद को नए क्षेत्रों को भारत में शामिल करने और नए राज्यों को स्वीकार करने का अधिकार देता है।
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अनुच्छेद 3 – संसद को भारत के भीतर राज्यों की सीमाओं, नामों और स्थिति में बदलाव करने का अधिकार देता है।
9. जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा कब समाप्त हुआ?
➤ 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया गया और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों (J&K और लद्दाख) में विभाजित किया गया।
10. केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) और राज्य (State) में क्या अंतर है?
➤
विशेषता | राज्य (State) | केंद्र शासित प्रदेश (UT) |
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शासन प्रणाली | मुख्यमंत्री और राज्य सरकार | राष्ट्रपति और प्रशासक/उपराज्यपाल |
शक्ति | संविधान की संघ सूची + राज्य सूची + समवर्ती सूची लागू होती है | संघ सरकार का प्रत्यक्ष प्रशासन |
संविधान के तहत दर्जा | पूर्ण स्वायत्तता प्राप्त | आंशिक या केंद्र सरकार के अधीन |
11. भारत में नए राज्य बनने के हालिया उदाहरण कौन-से हैं?
➤
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1960 – बॉम्बे राज्य को महाराष्ट्र और गुजरात में विभाजित किया गया।
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2000 – झारखंड, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ बने।
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2014 – आंध्र प्रदेश से तेलंगाना बना।
12. क्या भारतीय संसद किसी राज्य को पूरी तरह खत्म कर सकती है?
➤ हाँ, अनुच्छेद 3 के तहत संसद किसी राज्य का अस्तित्व समाप्त कर सकती है, लेकिन इसे राष्ट्रपति की सिफारिश और संबंधित राज्य की विधानसभा से परामर्श के बाद ही किया जा सकता है।
13. क्या किसी राज्य की विधानसभा के बिना उसकी सीमाओं में बदलाव किया जा सकता है?
➤ राज्य विधानसभा की राय लेना जरूरी है, लेकिन संसद उसकी सिफारिश को मानने के लिए बाध्य नहीं है।
14. भारत में किन केंद्र शासित प्रदेशों को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया है?
➤ दिल्ली और पुदुचेरी को संशोधित शासन प्रणाली दी गई है, जहाँ आंशिक रूप से राज्य की तरह कार्यपालिका और विधायिका है।
15. क्या केंद्र शासित प्रदेशों को राज्य में बदला जा सकता है?
➤ हाँ, संसद के पास अनुच्छेद 2 और 3 के तहत यह शक्ति है।
16. भारतीय संविधान में “राज्यों का संघ” क्यों कहा गया है?
➤ क्योंकि भारतीय संघ किसी भी राज्य को अलग होने का अधिकार नहीं देता, जबकि अमेरिका में राज्यों के पास संघ से अलग होने का अधिकार होता है।
17. क्या संसद की सहमति के बिना भारत के किसी भाग को दूसरे देश को दिया जा सकता है?
➤ अनुच्छेद 1 के अनुसार, ऐसा करने के लिए संसद को संविधान संशोधन करना होगा, जैसा कि 1974 में भारत-बांग्लादेश समझौते के दौरान किया गया था।
18. भारत में किस राज्य का विलय सबसे अंत में हुआ?
➤ 1961 में गोवा को पुर्तगाल से स्वतंत्र कराकर भारत में शामिल किया गया और 1987 में इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया।
19. क्या कोई केंद्र शासित प्रदेश राज्य बन सकता है?
➤ हाँ, जैसे 1956 में हिमाचल प्रदेश को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया और 1971 में इसे राज्य का दर्जा दिया गया।
20. कौन-से केंद्र शासित प्रदेशों का विलय किया गया है?
➤ 2020 में दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव को मिलाकर एक केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया।
📌 सारांश:
संविधान का अनुच्छेद | विवरण |
---|---|
अनुच्छेद 1 | भारत को “राज्यों का संघ” घोषित करता है। |
अनुच्छेद 2 | नए क्षेत्रों को भारत में सम्मिलित करने की शक्ति देता है। |
अनुच्छेद 3 | राज्यों के निर्माण, नाम बदलने और सीमाएं बदलने का अधिकार। |
अनुच्छेद 4 | अनुच्छेद 2 और 3 के तहत किए गए परिवर्तनों पर संसद की प्रक्रिया। |