Up Class 10 Hindi Syllabus | कक्षा 10 हिंदी पाठ्यक्रम
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Up board class 10 hindi syllabus in hindi : यूपी बोर्ड के लिए हिंदी पेपर सबसे महत्वपूर्ण योगदान करता है. सबसे ज्यादा स्कोर हिंदी पेपर में बनता है हिंदी की परीक्षा में 70 अंक की थ्योरी पेपर होती है बाकी 30 अंक आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर स्कूल द्वारा दिया जाता है. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा वर्तमान वर्ष 2024- 2025 के लिए हिंदी, इंग्लिश, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान इत्यादि विभिन्न विषयों का पाठ्यक्रम जारी कर दिया गया है। ज्यादा जानकारी के लिए आप upmsp.edu.in आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं ।
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Class 10 Hindi Syllabus up board
विषय: हिंदी
कक्षा: 10
अंक : 100
खंड अ (बहुविकल्पीय प्रश्न)
पूर्णांक 20
1. हिंदी गद्य के विकास का संक्षिप्त परिचय (शुक्ल युग तथा शुक्लोत्तर युग):
शुक्ल युग में हिंदी गद्य का उदय हुआ। इस युग में मिलती-जुलती भाषा के प्रयोग से गद्य का विकास हुआ।
शुक्लोत्तर युग में हिंदी गद्य का और विकास हुआ। कथानक, उपन्यास, नाटक, आत्मकथा आदि विभिन्न प्रकार की गद्य रचनाएं इस युग में प्रमुख हैं।
2. हिंदी पद्य के विकास का संक्षिप्त परिचय (रीतिकाल एवं आधुनिककाल):
रीतिकाल में भक्ति-काव्य, विराट-काव्य, शृंगार-काव्य आदि प्रमुख पद्य शैलियाँ उत्पन्न हुईं।
आधुनिककाल में चायवाद, प्रागत्य, नयी कविता आदि कई नई पद्य शैलियाँ आईं।
3. काव्य सौंदर्य के तत्व:
– रस:
– हास्य रस: यह रस हंसी उत्पन्न करता है। उदाहरण: तुलसीदास के ‘विनयपत्रिका’ में हंसी का अच्छा उदाहरण है।
– करुण रस: यह रस दया और दुःख का अनुभव कराता है। उदाहरण: मुक्तिबोध की ‘प्रेमरस’ में करुण रस का उत्कृष्ट प्रस्तुतीकरण है।
– अलंकार:
– उपमा: “तुम जैसे चंदन हो, जहाँ जाते हो खुशबू छोड़ जाते हो”।
– रूपक: “रात का राजा”।
– उत्प्रेक्षा: “यह सूरज हमें रोशनी देता है”।
– छन्द:
– सोरठा: “जब नहीं आया तेरा याद का साहीज़ में, आयी थी छड़ी दिल में वो आग क्यों न जली”।
– रोला: “रोला रोला आकाश का रोला, पड़ी जो वर्षा, रोला बारिश का रोला”।
4. हिन्दी व्याकरण:– शब्द रचना के तत्व:
– उपसर्ग: अनु, अ, अन, अधि, अप, उप, सह, निर, अभि, परि, सु इत्यादि।
– प्रत्यय: वा, हट, वट , आई, त्व, ता, पन इत्यादि।
– समास: द्वन्द्व, द्विगु, कर्मधारय, बहुब्रीहि।
– तद्भव, तत्सम शब्द एवं पर्यायवाची।
5. संस्कृत व्याकरण:
– सर्वनाम: तद्, युष्मद्।
6. वाक्य का स्वरूप:
7. वावाच्य- प्रयोग और वाच्य परिवर्तन
8. पद परिचय- विकारी एवं अविकारी शब्द
खण्ड-ब (वर्णनात्मक प्रश्न)
पूर्णाक-50
1. गद्य हेतु निर्धारित पाठ्यवस्तु से गद्यांश पर आधारित प्रश्न
- निर्धारित गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्न सामान्यतः पूछे जाते हैं:
- गद्यांश के मुख्य विषय की व्याख्या कीजिए।
- वाक्यांश के अर्थ की व्याख्या कीजिए।
2. पद्य हेतु निर्धारित पाठ्यवस्तु से पद्यांश पर आधारित प्रश्न आएगा
- निर्धारित पद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्न सामान्यतः पूछे जाते हैं:
- पद्यांश के रस, अलंकार, और छंद का विश्लेषण कीजिए।
- पद्यांश के प्रमुख विषय की व्याख्या कीजिए।
3. संस्कृत गद्यांश का संदर्भ सहित हिन्दी अनुवाद कीजिएगा
- संस्कृत गद्यांश के भावार्थ का हिन्दी में अनुवाद कीजिए।
4. संस्कृत पद्यांश का संदर्भ सहित हिन्दी अनुवाद करना होगा
- संस्कृत पद्यांश के भावार्थ का हिन्दी में अनुवाद कीजिए।
5. निर्धारित खण्डकाव्य से कथानक, चरित्र चित्रण एवं तथ्य आधारित प्रश्न आएगा
- निर्धारित खण्डकाव्य से उत्तर प्रदान करें जिसमें कथानक, चरित्र चित्रण और तथ्य पर आधारित प्रश्न हों।
6. (क) निर्धारित गद्य खण्ड के पाठ्यवस्तु से सम्बन्धित लेखकों का जीवन परिचय एवं उनकी प्रमुख रचना का नाम आएगा
7. (ख) निर्धारित पद्यखण्ड के पाठ्यवस्तु से सम्बन्धित कवियों का जीवन परिचय एवं प्रमुख रचना का नाम
- निर्धारित पद्यखण्ड के पाठ्यवस्तु से संबंधित कवियों का जीवन परिचय और उनकी प्रमुख रचनाओं का नाम लिखें।
8. संस्कृत खण्ड के पाठ्यवस्तु से कण्ठस्थ एक श्लोक जो प्रश्नपत्र में न आया हो
- प्रश्नपत्र में नहीं आए हुए संस्कृत खण्ड से एक अपरिचित श्लोक का उत्तर दें।
9. पत्र लेखन
- दिए गए संदर्भ के आधार पर एक पत्र लेखें।
10. संस्कृत खण्ड के पाठ्यवस्तु पर आधारित प्रश्नों में से
- किन्हीं दो का संस्कृत में उत्तर
- संस्कृत पाठ्यवस्तु पर आधारित प्रश्नों में से दो प्रश्नों का संस्कृत में उत्तर दें।
11. निबन्ध रचना
विभिन्न विषयों पर निबंध लेखें, जैसे वैज्ञानिक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, आर्थिक समस्याएं आदि।
आन्तरिक मूल्यांकन और परीक्षा की तिथियाँ:
पूर्णांक 30
प्रथम आन्तरिक मूल्यांकन परीक्षा: मौखिक अभिव्यक्ति आधारित परीक्षा, अगस्त माह में।
द्वितीय आन्तरिक मूल्यांकन परीक्षा: रचनात्मक लेखन आधारित परीक्षा, दिसम्बर माह में।
चार मासिक परीक्षाएं:
1. प्रथम मासिक परीक्षा – मई माह (बहुविकल्पीय प्रश्नों के आधार पर)
2. ट्वितीय मासिक परीक्षा – जुलाई माह (वर्णनात्मक प्रश्नों के आधार पर)
3. तृतीय मासिक परीक्षा – नवम्बर माह (बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQs) के आधार पर)
4. चतुर्थ मासिक परीक्षा – दिसम्बर माह (वर्णनात्मक प्रश्नों के आधार पर)
चारों मासिक परीक्षाओं के प्राप्तांकों के योग को 10 अंकों में परिवर्तित किया जायेगा।
निर्धारित पाठ्य वस्तु/ Study Material
गद्य हेतु:
1. मित्रता – राम चन्द्र शुक्ल
गद्य के महत्वपूर्ण पाठों में से एक है। इसमें विविध विषयों पर चर्चा होती है।
2. ममता – जयशंकर प्रसाद
इस पाठ में मातृभाव की महत्वता को उजागर किया गया है।
3. भारतीय संस्कृति- राजेन्द्र प्रसाद
भारतीय संस्कृति और इसके महत्व को समझने के लिए यह पाठ अत्यंत महत्वपूर्ण है।
4. अजन्ता – भगवत शरण उपाध्याय
इस पाठ में ऐतिहासिक स्थल ‘अजंता’ के बारे में विस्तृत विवरण है।
5. क्या लिखूँ- पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी
इस पाठ में लेखक ने लेखन की प्रक्रिया और लेखन के महत्व को समझाया है।
6. ईर्ष्या तू न गयी मेरे मन से – रामधारी सिंह दिनकरजी
इस कविता में इर्ष्या और उसके प्रभाव को विस्तार से व्यक्त किया गया है।
7. पानी में चंदा और चाँद पर आदमी- जय प्रकाश भारती
इस गद्यांश में विज्ञान और स्वप्न की अद्भुतता का वर्णन है।
काव्य हेतु:
1. सूरदास- पद – संत सूरदास की पद कविताएं भक्ति और प्रेम के विषयों पर आधारित हैं।
2. तुलसीदास- धनुष भंग, वन पथ पर – तुलसीदास जी की कविताएं धार्मिक और सामाजिक संदेशों से भरपूर हैं।
3. रसखान – सवैये, कवित्त – रसखान की कविताएं भक्ति और समाज के मुद्दों पर आधारित हैं।
4. बिहारी लाल – भक्ति नीति – बिहारी लाल की कविताएं धर्म और नीति के विषयों पर आधारित हैं।
5. रामनरेश त्रिपाठी – स्वदेश प्रेम – इस पाठ में लेखक ने देश प्रेम के महत्व को उजागर किया है।
6. मैथिलीषरण गुप्त – भारतमाता का मंदिर यह – मैथिलीषरण गुप्त जी की कविताएं राष्ट्रीय भावनाओं के विषयों पर हैं।
7. महादेवी वर्मा – हिमालय से, वर्षा सुंदरी के प्रति – महादेवी वर्मा जी की कविताएं प्रकृति और महिलाओं के विषयों पर आधारित हैं।
8. सुमित्रानंदन पंत- चींटी, चंद्रलोक में प्रथम बार – सुमित्रानंदन पंत जी की कविताएं प्रकृति और आत्म-विकास के विषयों पर हैं।
9. माखन लाल चतुर्वेदी – पुष्प की अभिलाषा, जवानी – माखन लाल चतुर्वेदी जी की कविताएं युवा और प्रेरणादायक हैं।
10. सुभद्रा कुमारी चौहान – झांसी की रानी की समाधि पर – इस कविता में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की वीरता का वर्णन है।
11. अशोक बाजपेयी – भाषा एकमात्र अनंत है, युवा जंगल – इस पाठ में भाषा की महत्वता और युवाओं के अधिकारों पर चर्चा है।
12. श्याम नारायण पांडेय – हल्दीघाटी – इस पाठ में हल्दीघाटी युद्ध का विवरण है।
13. केदार नाथ सिंह – नदी – इस कविता में नदी की सुंदरता और महत्व का वर्णन है।
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FAQ
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